एम अखलाक
मड़वन प्रखंड के गमसरा पंचायत भवन में धूम मचल बा। गांव जवार के पमरिया नाच कार्यशाला में मुखिया संजय यादव भी आ धमके। खूब गदगद हुए। गांव जवार के कलाकारों को खूब बधाई दी। अभ्यास देखा। कहा- हू-ब-हू आप लोग पमरिया लग रहे हैं। उनके पंचायत भवन में पहली बार लोक कला पर कार्यशाला उनके लिए एक सुखद अचरज ही रही। बोले- ऐसा तो हर पंचायत में होना चाहिए।
पमरिया लोक नाच की जान पांच चीजों में बसती है।
1- गायन क्षेत्र में पहले सोहर, फिर बधइया और अंत में खिलौना गीत।
2- वाद्ययंत्र के क्षेत्र में ढोलक, ढोलकिया, खंजड़ी, घुंघरू।
3- परिधान के क्षेत्र में लहंगा, चोली, दुपटटा।
4- गोद में बच्चा लेकर नाचने वाला नतर्क।
5- चार लोगों की कोरस मंडली
टीम में कुल आठ लोग हैं- सुरेन्द्र पासवान, रंजीत कुमार, जीतेन्द्र कुमार, राकेश रंजन, सुनील कुमार, विनोद राम, चंदन कुमार और एम अखलाक। वर्कशॉप के दौरान सुरेन्द्र पासवान ने सोहर, बधइया और खिलौना पर सुर साधा तो रंजीत कुमार ने ढोलक पर थाप दी। फिर क्या था राकेश रंजन, जीतेन्द्र कुमार और सुनील कुमार के कोरस ने गीतों को परवान चढाना शुरू कर दिया। पूरा परिसर गूंजने लगा, तभी नर्तक के रूप में एम अखलाक ने धमाकेदार प्रस्तुति से इस लोक कला को जीवंत कर दिया। वर्कशॉप में बतौर प्रशिक्षक मशहूर गीतकार व लोक कलाओं के जानकार डा कुमार विरल ने कई टिप्स दिए।
30 सितम्बर को ” बिहार एक विरासत ” वीणा कंसर्ट, हरिसाभा ,मुजफ्फरपुर (बिहार ) में पमरिया की शानदार प्रस्तुति होगी। सुबह दस बजे से ही बधइया के सुर गूंजने लगेंगे। आप आएंगे तो इन बधाईयों की खुशी कुछ और बढ़ जाएगी।
एम अखलाक। मुजफ्फरपुर के दैनिक जागरण में वरिष्ठ पद पर कार्यरत एम अखलाक कला-संस्कृति से गहरा जुड़ाव रखते हैं। वो लोक कलाकारों के साथ गांव-जवार के नाम से बड़ा सांस्कृतिक आंदोलन चला रहे हैं। उनसे 09835092826 पर संपर्क किया जा सकता है।