दूसरे भाषण में देश बदलने का दमखम

पीएम के भाषण पर सत्येंद्र कुमार की प्रतिक्रिया

दूसरे भाषण में बस देश की बात की। पहले घर दुरुस्त करने की कवायद।
दूसरे भाषण में बस देश की बात की। पहले घर दुरुस्त करने की कवायद।

संगच्छध्वम् संवदध्वम् सं वो मनांसि जानताम्—हम साथ चलें, मिल कर चलें, मिल कर सोचें और मिल कर संकल्प करें इन सभी बुराइयों से लड़ने का। पीएम की बातों का यही पूरा सार है। पीएम मोदी ने एक बार फिर लाल किले से 2022 तक सक्षम, स्वस्थ, श्रेष्ठ, स्वाभिमानी, संपन्न और स्वालंबी भारत के संपने को पूरा करने की बात दोहराई है। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, बड़ी आर्थिक ताक़त बनने की ओर बढ़ रहे हैं। संघर्ष से आज यह मुक़ाम हमें हासिल हुआ है। लेकिन गरीबी से मुक्ति की कई लड़ाइयां अभी बाक़ी हैं। लाल किले से पीएम मोदी ने ग़रीबी से मुक्ति, अशिक्षा, जातीय भेदभाव से मुक्ति, लैंगिक विषमता से मुक्ति, साम्प्रदायिक सोच से मुक्ति, धार्मिक कट्टरपंथ और मानव विरोधी सामाजिक रूढ़ियों से मुक्ति, भ्रष्ट राजनीति से मुक्ति के लिए काम करने का प्रण दोहराया है।

पीएम मोदी के भाषण में इस बार बहुत कुछ नया नहीं था, लेकिन पुराने वादों का पूरा करने का संकल्प जरूर दिखा। गांव, किसान, दलित और आदिवासियों के हालात पर चिंता जताई और उसे बदलने के प्रयासों की बात की। हालांकि पूर्व सैनिकों ने जो उम्मीद लगा रखी थी उन उम्मीदों को धक्का लगा। पीएम मोदी ने सैद्धांतिक तौर पर वन रैंक वन पेंशन की मांग मान ली, लेकिन व्यावहारिक तौर पर उसे कब तक पूरा किया जाएगा इसकी मियाद तय नहीं की। लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एक बार फिर समृद्ध भारत और स्वच्छ भारत का सपना दिखाते हुए अपनी सरकार की योजनाओं के बारे में बताया।

देश को संबोधित करते हुए पीएम ने 2022 तक का रोडमैप बताया और स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया का नया नारा दिया। पीएम ने कहा कि एक विषय को लेकर ज़रूरत से ज्यादा कानून मुसीबतें पैदा करते हैं, इन्हें ख़त्म करने की कोशिश की जा रही है। पीएम मोदी के भाषण की एक अच्छी बात ये है कि उन्होंने पुराने वादों को ही पूरा करने पर फिर जोर दिया। अगर नई बात देखा जाए तो सिर्फ छोटी नौकरियों में इंटरव्यू को ख़त्म करने की पहल स्वागत योग्य है। 18 हजार गांव तक बिजली पहुंचाने की बात तो पुरानी है। पीएम पहले ही कह चुके हैं कि पूरे देश को रौशन करेंगे। पीएम मोदी के ऐलानों में ज्यादा नयापन शायद इसलिए नहीं दिखा क्योंकि पुराने वादे ही इतने बड़े हैं कि उन्हें 2019 तक पूरा कर लिया जाए तो बड़ी बात होगी। स्वच्छता अभियान, स्किल इंडिया, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना, गरीबी हटाना और किसानों की हालत सुधारने का वादा ही पूरा हो जाए तो बड़ी उपलब्धि होगी।


 

satyendra profile imageसत्येंद्र कुमार यादव फिलहाल इंडिया टीवी में कार्यरत हैं । उनसे मोबाइल- 9560206805 पर संपर्क किया जा सकता है।


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