Archives for मेरा गांव, मेरा देश - Page 55
विद्रोही, तुम्हारी दया का पात्र नहीं है महानुभावों
संदीप सिंह विद्रोहीजी। इरादा विद्रोही की कविता पर, जीवन पर लिखने का था पर कुछ दिन बाद, वह लिखूंगा। पर ‘अपनी समझ’ से यह तात्कालिक हस्तक्षेप करना पड़ रहा है।…
जेएनयू, तेरे विद्रोही ने ‘ठिकाना’ बदल लिया
अरविंद दास न अकबर, न बीरबल... जेएनयू के विद्रोहीजी विद्रोही जी नहीं रहे। जेएनयू का एक कोना हमेशा-हमेशा के लिए सूना हो गया। जेएनयू में एक लंबा दौर ऐसा रहा…
मिनी संसद में पढ़े-लिखे लोग करेंगे गांव का फ़ैसला
प्रियंका यादव हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है। यहां जनता के सभी अधिकार संविधान से मिलते हैं और उसे पूरा करने का दारोमदार जनप्रतिनिधियों को है। लिहाजा अगर उनके पढ़े…
‘प्रभु’ सुन रहे हैं!
'प्रभु' ने ट्रेन में पहुंचाया दूध सत्येंद्र कुमार यादव शेगांव में डरी हुई लड़की ने मदद मांगी, ‘प्रभु’ ने रक्षा की। इलाहाबाद में लड़की ने सुरक्षा मांगी, ‘प्रभु’ ने मदद…
जला तन, झुलसा मन… बिना धन कैसे हो इलाज?
प्रतिभा ज्योति चंचल पासवान। एसिड से खाक हुए जिंदगी के कई अरमान। संघर्ष की अंतहीन दास्तान। पटना के मनेर ब्लॉक के छितनावा गांव की चंचल पासवान पर 21 अक्तूबर 2012…
बाराह छत्तर मेला, पूर्णिमा बीत गैले… ‘अंधियारा’ छंटलै कि
रूपेश कुमार नेपाल के वराह क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले मेले में कोसी क्षेत्र के हजारो लोग पहुंचते हैं। कोसी इलाके के दुकानदारों की वजह से…
मुठभेड़ के नाम पर बंद हो सरकारी हिंसा
दिवाकर मुक्तिबोध आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नौकरी में लेने की पेशकश क्या राज्य में हिंसात्मक नक्सलवाद के ताबूत पर आखिरी कील साबित होगी? शायद हां, पर इसकी पुष्टि…
ज़िंदगी इतने बड़े इम्तिहान क्यों लेती है ?
कीर्ति दीक्षित कई दिनों से फेसबुक पर उसकी पीहू और उसे देख रही हूं। एक बार नहीं दर्जनों बार। अखबारों में इंटरव्यू पढ़ी। टीवी पर उसकी बातें सुनी। फेसबुक पर…
इन हसीन वादियों में आधा आसमां मेरा भी है
शाहनवाज़ खान कश्मीर की वादियों में अब बेटियों का दम नहीं घुटेगा। घाटी की लाडलियों को खुली हवा में सांस लेने की पूरी आज़ादी रहेगी । धरती की जन्नत की…