ब्रह्मानंद ठाकुर अपने बचपन का गणतंत्र दिवस याद है। तब मैं 8-9 साल का था । गांव के प्राइमरी स्कूल
Author: badalav
सरकार ! उनकी तुरबत पर नहीं है एक भी दीया…
ब्रह्मानंद ठाकुर सारा देश 68वां गणतंत्र बड़े उत्साह से मना रहा है । 26 जनवरी 1950 को आजाद भारत का
‘बेबस और लाचार लोगों की आवाज़ है रेडियो कोसी’
दीपक कुमार युवा लेखक पुष्यमित्र का नया उपन्यास ‘रेडियो कोसी’ लगभग भूल चुके त्रासदी को उजागर करता है। लेखक ने
फूस की झोपड़ी में छिपा कोसी का दर्द
पुष्यमित्र कोसी के तट पर बसे लोगों का दर्द वही समझ सकता है जो या तो वहां रहता हो या
मुजफ्फरपुर के किसानों की उम्मीदों पर ‘पाला’ मार गया
ब्रह्मानंद ठाकुर पूरा उत्तर भारी पिछले 15 दिनों से भीषण ठंड की चपेट में है । पहाड़ों पर हो रही
आरक्षण की आग में कहीं जल न जाए बीजेपी का ‘सपना’
अरुण प्रकाश यूपी चुनाव से पहले आरक्षण का जिन्न एक बार फिर ‘RSS की बोतल’ से बाहर आ चुका है
‘शिक्षा के दंगल’ में बिहार की बेटियां गुजरात पर भारी
ब्रह्मानंद ठाकुर बालिका शिक्षा के मामले बाईब्रेन्ट गुजरात की असलियत क्या है, यह आ़ंकड़े बता रहे हैं। जहां बिहार ने
जिसे बगावत ने बनाया ‘समाजवाद’ का ‘सितारा’
अजीत अंजुम के फेसबुक वॉल से इतिहास –पुराण और परंपरा इस बात का गवाह है कि हर दौर में जमाने
राष्ट्रवाद के रथ पर सवार ‘चक्रधारी’ नारायण…नारायण !
राकेश कायस्थ चुनावी रणभेरी बजी, सेनाएं सजी और नारायण प्रकट हो गये। प्रकट ही नहीं हुए बल्कि ‘राष्ट्रवाद’ के रथ
‘सरकारी मंडी’ में दम तोड़ता कुटीर उद्योग
नीरज सारांस देश में लोक कलाओं की लंबी परंपरा रही है। लोक कलाएं जीवन का आधार रही हैं, क्योंकि इसके