सत्येंद्र कुमार
ट्विटर पर टेमसुतुला इमसोंग की टीम की तस्वीरें करीब एक साल से देख रहा हूं। ये अपनी टीम के साथ काशी में ठीक उसी तरह से मां गंगा का आंगन बुहार रही हैं, जैसे गांव में हमारे घरों में मां, चाची, बुआ, दीदी या छोटी बहन हर सुबह हमारे उठने से पहले घर का आंगन बुहार कर एकदम चकाचक कर देती हैं। रोजाना सुबह करीब 4.30 से 5 बजे के बीच घर के आंगन से लेकर बरामदे और द्वार की सफाई हो जाती है। नागालैंड की टेमसुतुला इमसोंग भी अपनी जिम्मेदारी मानकर काशी की सफाई में जुटी हैं। ऐसा नहीं कि एक बार सफाई कर के चलीं गई और काम हो गया। पूर्वोत्तर की ये बेटियां एक साल से बार-बार काशी के घाटों की सफाई कर रही हैं। बिल्कुल अपने घर के आंगन की तरह।
घाटों का श्रृंगार करती बेटियां
काशी का अस्सी घाट हो या गौरी कुंड, प्रभु घाट, पाण्डेय घाट, केदार घाट, महल घाट, शीतल घाट। पिछले एक साल से चमक रहा है। जो काम राज्य सरकार, स्थानीय निकायों, सांसद, विधायकों को करना चाहिए वो काम ‘मिशन प्रभु घाट’ के तहत इमसोंग की टीम कर रही है। काम के साथ मस्ती और भूख लगे तो बाटी चोखा का आनंद भी। हंसी-ठिठोली में बड़ा अभियान धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। कई लोग सोचते हैं कि बजट होगा तभी काम होगा। लेकिन इस टीम के साथ ऐसा नहीं है। ये टीम बहाना नहीं करती, नज़ीर पेश कर रही है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जून 2015 से पहले काशी के सभी घाटों की लगभग सफाई हो चुकी थी। लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने से दोबारा घाटों पर सिल्ट जम गई। जो सफाई पहले की गई थी उस पर पानी फिर गया, लेकिन इन बेटियों ने हार नहीं मानी और प्रभु घाट की फिर से सफाई की। प्रभु घाट के बाद पांडेय घाट से सिल्ट की सफाई की, फिर गौरी कुंड की सफाई में पसीना बहाया। इमसोंग की टीम ने पुराने कपड़े, प्लास्टिक और कचरे से भरे गौरी कुंड तीर्थ को साफ कर चमका दिया। देर शाम तक सफाई के बाद कुंड में पंप से गंगा का साफ पानी भर दिया ताकि श्रद्धालु पूजा कर सकें। अभी तक वहां दुर्गंध उठने की वजह से कुंड में उतरना आसान नहीं था। गंदगी होने की वजह से जल्दी वहां कोई बैठता नहीं था लेकिन अब बच्चे उसमें नहा भी रहे हैं और श्रद्धालु पूजा भी कर रहे हैं।
‘मिशन प्रभु घाट’ के तहत ये टीम पूरे वाराणसी में घूम घूमकर सफाई कर रही है। वाराणसी की गलियों, गंदे नाले, पोखर, शौचालय और उस हर गंदी चीज की सफाई की जा रही है जो काशी की सुंदरता को दाग लगा रही हैं। अगर आपको इस टीम के काम और लगन को देखना है तो टेमसुतुला इमसोंग के ट्विटर वॉल @temsutulaimsong पर जाइए। वहां जो तस्वीरें आपको मिलेंगी उसे देखकर आप इन्हें दिल से धन्यवाद कहेंगे। तस्वीरों में भी आप देख सकते हैं कि काशी की क्या हालत है? और इस हालत को सुधारने के लिए कितनी मेहनत की जा रही है।
टेमसुतुला इमसोंग की टीम की इस लगन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी प्रभावित हुए। एक मार्च को पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘‘टेमसुतुला इमसोंग और पूरी टीम का वाराणसी के घाटों को साफ करने का यह प्रयास अभूतपूर्व हैं। मैं उन्हें सलाम करता हूं।’’ इतना ही नहीं पीएम मोदी ने दिल्ली बुलाकर इनसे मुलाकात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया।
टेमसुतुला इमसोंग के ट्विटर वॉल पर आपको काम की तस्वीरों के साथ साथ हंसी मंजाक का पुट भी मिलेगा। @temsutulaimsong की टीम में एक पकलु भैया हैं। पकलु हर काम को जुगाड़ से करते हैं। इमसोंग एक घटना का जिक्र करते हुए लिखती हैं- “एक बार मोटर पंप पानी नहीं पकड़ रहा था। सभी लोग परेशान थे। कई बार प्रयास किया गया लेकिन मोटर से पानी नहीं आ रहा था। घाट पर मोटी सिल्ट जमी थी, उसे हटाने के लिए पानी की जरूरत थी। मोटर खराब होने की वजह से हम अपना काम नहीं कर पा रहे थे। तभी मैंने देखा कि पलकु भैया कुछ कर रहे थे।” इमसोंग कहती हैं कि ‘इन चीजों पर विश्वास तो नहीं है और ना समझती हूं, फिर भी मैंने देखकर इंज्वॉय किया। पकलु भैया शराब के साथ पूजा कर रहे थे। पूजा खत्म होने के बाद जब पंप स्टार्ट किया गया तो पानी आने लगा।’ फिर पूरी टीम ने घाटों पर जमी सिल्ट की सफाई की। अब पूरा घाट चमचमा रहा है। कोई भी बिना बिस्तर भी आराम से बैठ या सो सकता है।
काशी का कचरा साफ करती इन दोनों लड़कियों और उनकी टीम को देखकर लोगों का मन भी बदल रहा है। स्थानीय लोग भी धीरे-धीरे साफ-सफाई के प्रति जागरुक हो रहे हैं। मिशन प्रभुघाट का कारंवा बढ़ता जा रहा है। एक बात और पूर्वोत्तर की इन बेटियों ने विदेश से आने वाले पर्यटकों के मन से उस तस्वीर को भी साफ कर रही हैं जो पहले से बनी हुई थी। अब विदेशी पर्यटक आते हैं तो काशी के घाटों की सुंदर तस्वीर लेकर अपने देश लौटते हैं।
सत्येंद्र कुमार यादव फिलहाल इंडिया टीवी में कार्यरत हैं । उनसे मोबाइल- 9560206805 पर संपर्क किया जा सकता है।
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Bahar se log aa kar safai kar raha hai .kashi wale kaya kar raven hain