जितेंद्र कुमार
देश का एक ऐसा गांव जो सीधे सेवन आरसीआर से संवाद करता है। हम बात कर रहे हैं दिल्ली से करीब 800 किमी दूर बसे जयापुर गांव की जिसकी माटी की खुशबू पीएम मोदी को अपनी ओर बरबस ही खींच ले आई । करीब एक साल पहले पीएम मोदी ने जब जयापुर को गोद लेने का ऐलान किया तो उसकी हालत भी देश के आम गांवों की तरह थी, लेकिन आज जयापुर काफी बदल चुका है, बदल रहा है। आलम ये है कि जयापुर को देखने दूर-दूर से लोग आने लगे हैं।
कैसे हों आदर्श गांव
शहर से करीब 25 किमी दूर इलाहाबाद मार्ग पर बसा है जयापुर गांव । पिछले कुछ दिनों से टीवी चैनलों और अखबरों में जयापुर की तारीफ सुन रहा नहीं गया और निकल पड़ा पीएम मोदी के गांव । गांव के मुहाने पर आदर्श गांव का भव्य गेट देख अंदाजा हो गया कि अनुभव कुछ खास रहने वाला है । थोड़ा आगे बढ़े तो सीमेंट की रंग-बिरंगी टाइल्स से सजी सड़कें मिलीं, तकरीबन ऐसा ही नज़ारा गांव के हर गली मोहल्ले का दिखा।
गांव के बीच में एक बस स्टैंड दिखा, पूछा तो पता चला कि इस गांव को शहर से जोड़ने के लिए बस सेवा शुरू की गई है, लेकिन गांव वालों को बस के दर्शन कभी-कभी ही होते हैं, हालांकि इस स्टैंड पर यात्रियों के बैठने की पूरी व्यवस्था के साथ बैंक और पोस्ट ऑफिस का विज्ञापन जरूर दिखा । ऐसा लग रहा था कि बैंक और पोस्ट ऑफिस के पैसे से ये स्टैंड बना हो । हालांकि गांव में यूनियन बैंक, सिंडिकेट बैंक व स्टेट बैंक की छोटी शाखाएं खुली हैं । एक नया डाकघर भी बन चुका है
गांव में कुछ घंटे बिताने के बाद बहुत कुछ अच्छी चीजे दिखीं जो एक आदर्श गांव में होनी चाहिए, हालांकि कुछ ऐसी चीजों की कमी जरूर दिखी जो बेहद जरूरी हैं ।
जगमग जयापुर गांव
गांव की गलियों में करीब 200 सोलर लाइट्स लगाई गई हैं
पानी के लिए लगे पंप भी सोलर सिस्टम से चलते हैं
चौबीसों घंटे बिजली देने के लिए सोलर प्लांट्स लग रहे हैं
जीवन के लिए जल की व्यवस्था
महिलाओं को अब कुएं पर नहीं जाना पड़ता
हर घर में पानी की पाइप लाइन बिछी
पानी के लिए गांव में पंप की व्यवस्था
स्वच्छता पर विशेष ध्यान
हर घर में शौचालय की व्यवस्था
करीब 500 टॉयलेट का निर्माण
सामुदायिक शौचालय बनाए गए
हर चाक-चौराहे पर कूड़ेदान की व्यवस्था
कूड़ा उठाने के लिए सफाईकर्मी की नियुक्ति
जयापुर में सबसे बेहतरीन अगर कुछ है तो वो है अटल नगर । गांव के अनुसूचित जनजाति (खास तौर पर मुसहर बिरादरी) के परिवारों के लिए अटल नगर बसाया गया है । यहां कुल 14 परिवार रहते हैं सभी के लिए पक्के मकान का इंतज़ाम है। घर में बिजली, पानी की पूरी व्यवस्था की गई है । हर घर के आगे सोलर लाइट का इंतजाम किया गया। वहीं घर के सामने चमचमाती सड़कें अटल नगर की शोभा में चार चांद लगा देती है । घर के सामने छोटा सा गार्डेन बरबस ही लोगों को अपनी ओर खींच लेता है ।
गांव के बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल बनाए गए हैं । प्राथमिक शिक्षा से लेकर 8वीं कक्षा तक बच्चों को पढ़ने के लिए गांव से बाहर जाने की जरूरत नहीं है। लड़कियों के लिए अलग से बालिका विद्यालय गांव में खोला गया है। गांव में स्कूल होने से बच्चे काफी खुश है। गांव में घूमने के दौरान कहीं अस्पताल नज़र नहीं आया । इस बारे में जब गांव के लोगों से पूछा तो पता चला कि अभी अस्पताल का इंतजाम नहीं हुआ है, जबकि ये सबसे ज्यादा जरूरी था। फिलहाल, इलाज के लिए गांव से बाहर जाना पड़ता है, हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि सुना है अस्पताल बनने वाला है । फिलहाल जयापुर के लोग काफी खुश हैं कि उन्हें ‘पीएम का आदर्श गांव’ का होने का गौरव हासिल हुआ। अब आसपास के गांव वालों को इस बात का इंतजार है कि जयापुर जैसी उनकी सूरत कब बदलेगी।
जितेंद्र कुमार। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बाशिंदे। पिछले कुछ समय से मुंबई में रह रहे हैं, लेकिन जब भी अपने शहर लौटते हैं, कुछ वक़्त आसपास के गांवों में ज़रूर बिताते हैं।