विनय तरुण स्मृति व्याख्यान – 2018 का आयोजन कोलकाता में 24 जून 2018 रविवार को होगा। इस बार का विषय है ‘अतिवादों के दौर में पत्रकारिता और गांधीवाद’. इस विषय पर मुख्य रुप से वरिष्ठ पत्रकार और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के अध्यापक अरुण कुमार त्रिपाठी अपना वक्तव्य रखेंगे। भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता के अध्यक्ष व हिन्दी साहित्य की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘वागर्थ’ के संपादक शंभुनाथ को भी विशेष वक्ता के तौर पर सुनने का मौका मिलेगा। इस आयोजन में नयी दिल्ली, बिहार, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र आदि के मीडियाकर्मी शामिल होंगे।
प्रतिवर्ष आयोजित विनय तरुण स्मृति व्याख्यान की यह नौवीं कड़ी है। इससे पूर्व यह आयोजन नयी दिल्ली, भोपाल, रायपुर, पूर्णिया (दो बार), मुजफ्फरपुर, मधेपुरा और जमशेदपुर में हो चुका है। यह आयोजन मौलिक रूप से दस्तक (माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल के पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं के समूह) द्वारा आयोजित है। इसमें शामिल लोग देश के विभिन्न मीडिया संस्थानों में कार्यरत हैं। यह आयोजन दस्तक परिवार अपने युवा साथी विनय तरुण की स्मृति में करता है। पूर्णिया (बिहार) के निवासी विनय तरुण का निधन एक हादसे में वर्ष 2010 में हो गया था। वे प्रखर और होनहार युवा पत्रकार थे।
आयोजन : विनय तरुण स्मृति व्याख्यान-9
तिथि : 24 जून 2018, रविवार
समय : 10.30 बजे सुबह
स्थान : भारतीय भाषा परिषद सभागार, शेक्सपीयर सरणी रोड, मलिक बाजार, पार्क स्ट्रीट एरिया, कोलकाता
24 जून 2018 को भारतीय भाषा परिषद सभागार, शेक्सपीयर सरणी रोड, मलिक बाजार, पार्क स्ट्रीट एरिया, कोलकाता में आयोजित इस कार्यक्रम के दो सत्र होंगे. पहला सत्र व्याख्यान का होगा। दूसरे सत्र में ‘अपनी हांडी अपनी आंच’ के तहत साथियों के रचनात्मक हस्तक्षेप पर बातें होंगी। इस कड़ी में पुष्यमित्र की पुस्तक ‘जब नील का दाग मिटा’ पर परिचर्चा होगी। इसके साथ ही अखिलेश्वर के कविता संग्रह ‘पानी उदास है’ पर बातें भी होंगी और अखिलेश्वर कुछ कविताओं का पाठ भी करेंगे। इस सत्र में अनौपचारिक तौर पर कुछ और कार्यक्रम भी जुड़ेंगे। ये कमोबेश एक खुला सत्र होगा। साथियों की कोशिश है कि badalav.com पर मई माह में शुरू की गई ‘आदर्श गांव पर आपकी रपट’ के तहत आई रिपोर्ट का संकलन प्रकाशित हो। इसके साथ ही इस सीरीज की बेस्ट रिपोर्ट को अलग से रेखांकित और पुरस्कृत करने की भी योजना है।
प्रतिवर्ष होने वाले इस आयोजन में अब तक वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय, रामशरण जोशी, वरिष्ठ चिंतक और साहित्यसेवी पुरुषोत्तम अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार सतीश के सिंह, आनंद प्रधान, अनिल चमड़िया, सुभाष गाताडे, भाषा सिंह, विनीत कुमार, ज्ञानेश उपाध्याय जैसी शख्सियत शिरकत कर चुके हैं। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के शिक्षकों का मार्गदर्शन भी इस कार्यक्रम में सतत और सहज उपलब्ध रहा है।