विनय तरुण स्मृति व्याख्यान – 2021 का आयोजन 27 जून, रविवार को होगा । कोरोना काल होने की वजह से ये आयोजन ऑन लाइन किया जा रहा है । इस बार कार्यक्रम में अलग-अलग विषय को शामिल किया गया है । कार्यक्रम की शुरुआत साथियों की स्मृतियां और गुरुजन के साथ होगा । जिसके बाद वरिष्ठ पत्रकार अनुराग द्वारी – संकट काल में हमारा ‘मैं’ और रिश्तों की दस्तक विषय पर अपनी बात रखेंगे…तो वहीं आजाद पत्रकारिता और सोशल मीडिया के उपकरण विषय पर प्रियंका दुबे जी हम साथियों से संवाद करेंगी । कोविड महामारी-संवेदनाओं का ‘लॉकडाउन’ और पत्रकारिता पर श्रवण गर्ग अपने विचार रखेंगे तो वहीं पीयूष बबेले तथ्यमुक्त पत्रकारिता के खतरे की ओर सभी का ध्यान खींचने की कोशिश करेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11 बजे सचिन श्रीवास्तव करेंगे तो वहीं धन्यवाद और समाप टिप्पणी का जिम्मा वरिष्ठ पत्रकार पुष्यमित्र संभालेंगे ।
विनय तरुण स्मृति व्याख्यान-12
रविवार, 27 जून, सुबह 11 बजे से
विषय प्रवर्तन और संचालन- सचिन श्रीवास्तव
सुबह 11.10
साथियों की स्मृतियां और गुरुजन
इंदू सारस्वत, समाजसेविका और दस्तक की साथी
सुबह 11.20
संकट काल में हमारा ‘मैं’ और रिश्तों की दस्तक
अनुराग द्वारी, वरिष्ठ पत्रकार, एनडीटीवी, दस्तक के साथी
सुबह 11.35 बजे
आजाद पत्रकारिता और सोशल मीडिया के उपकरण
प्रियंका दुबे, वरिष्ठ पत्रकार
दोपहर 12 बजे
कोविड महामारी-संवेदनाओं का ‘लॉकडाउन’ और पत्रकारिता
श्रवण गर्ग, वरिष्ठ पत्रकार
दोपहर 12.40 बजे
तथ्यमुक्त पत्रकारिता के ख़तरे
पीयूष बबेले, वरिष्ठ पत्रकार, दस्तक के साथी
दोपहर 1 बजे
धन्यवाद और समापन टिप्पणी
पुष्यमित्र, वरिष्ठ पत्रकार, दस्तक के साथी
विनय तरुण स्मृति व्याख्यान -एक परिचय
प्रतिवर्ष आयोजित विनय तरुण स्मृति व्याख्यान की यह बारहवीं कड़ी है। इससे पूर्व यह आयोजन नयी दिल्ली, भोपाल, रायपुर, पूर्णिया (दो बार), मुजफ्फरपुर, मधेपुरा, जमशेदपुर, कोलकाता और पटना में हो चुका है। यह आयोजन मौलिक रूप से दस्तक (माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल के पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं के समूह) द्वारा आयोजित है। इसमें शामिल लोग देश के विभिन्न मीडिया संस्थानों में कार्यरत हैं। यह आयोजन दस्तक परिवार अपने युवा साथी विनय तरुण की स्मृति में करता है। पूर्णिया (बिहार) के निवासी विनय तरुण का निधन एक हादसे में वर्ष 2010 में हो गया था। वे प्रखर और होनहार युवा पत्रकार थे।
अब तक वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय, रामशरण जोशी, पुष्पेंद्र पाल सिंह, वरिष्ठ चिंतक और साहित्यसेवी पुरुषोत्तम अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार सतीश के सिंह, आनंद प्रधान, अनिल चमड़िया, सुभाष गाताडे, आलोक श्रीवास्तव, गांधीवादी चिंतक सोपान जोशी, साहित्यकार चंद्रकिशोर जायसवाल, भाषा सिंह, विनीत कुमार, ज्ञानेश उपाध्याय जैसी शख्सियत शिरकत कर चुके हैं।