महाकवि आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री के 101 वें जन्म वर्ष में हमने अब तक दो किस्तों में उनके संस्मरण आपसे साझा किए।
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महाकवि जानकी वल्लभ और पिता की यादें
महाकवि आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री का जन्म जनवरी 1916 में हुआ था। निधन 2011 में हुआ। इस तरह देखा जाए
एक महाकवि को कुत्तों से इस तरह हो गया इश्क
एम अखलाक यूं तो आपने महाकवि आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री को गोद में कुत्तों को खेलते-खिलाते कई बार देखा होगा। लेकिन, बहुत कम लोगों को यह मालूम होगा कि उन्हें कुत्तों से प्रेम
अखाड़ेबाज शब्द
उमेश जोशी अखाड़ेबाज़ शब्द आसपास मंडराते हैं ये हर पल रिश्तों की नींव हिलाते हैं ख्वाबों की चादर ओढ़ कर
पेरियार के आँगन में बहती रही कोसी की धारा
पुष्यमित्र मुझे यह मालूम नहीं था कि पेरियार एक नदी का नाम है जो भारत के दक्षिणवर्ती राज्य केरल में
हर सवाल को सलाम है!
पशुपति शर्मा बर्फ़ीली वादियों में तुम्हारा रक्त भी तो जम जाना था वो जम न सका तो कसूर तुम्हारा है
पेड़ों की छांव तले बाल मन की गूंज
वैशाली , गाजियाबाद 27 नवंबर 2016। “पेड़ों की छांव तले रचना पाठ” के अंतर्गत 26वीं साहित्य गोष्ठी वैशाली सेक्टर चार
एक साहित्यिक आयोजन की ‘सिल्वर जुबली’
कई बार यह विचार आता है कि हम अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में जनहित और समाजहित के लिए कितना वक्त
सच का सूरज कैद वहां है…
अवधेश कुमार सिंह 28 अगस्त 2016, रविवार को गाजियाबाद के वैशाली के सेक्टर-4 के सेंट्रल पार्क में एक और साहित्यिक
रोटियां उनकी थाली में कम, भूखे क्यों तुम ?
जब, तुम खोद रहे होते हो खाई अपने और उनके बीच सिर पर टोकरा लिए वो बना रहे होते हैं