प्रवीण कुमार दस्तक की यादों के सिलसिले को साझा करने के लिए कई साथी सामने आए हैं, आलम यह है
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ग्रीस मेट्रो में ‘गायब पर्स’ और ‘जय हिंद’ के हिलोरे
सच्चिदानंद जोशी पुणे जाना था। हमेशा की तरह आफिस से निकलते निकलते देर हो गयी। शाम के समय फ्लाइट पकड़ना
टीवी की डिबेट का स्तर चौक-चौराहे की चर्चा से भी बदतर-सच्चिदानंद जोशी
बदलाव प्रतिनिधि, गाजियाबाद प्रेस की स्वतंत्रता एवं मीडिया का आत्म नियमन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया संगोष्ठी गाजियाबाद के
अमजद साहब! 34 साल बाद कुछ यूं मिले… कैसा लगा आपको?
सच्चिदानंद जोशी बात आज से चौंतीस (34) बरस पहले की होगी। उन दिनों एमए के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर
किस्सों से किचन तक हर दिन कुछ नया परोसती ‘हमारी आई’
पशुपति शर्मा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, शुक्रवार 30 मार्च की शाम। ‘आई’ के पद्मश्री तक के सफ़र पर एकाग्र एक कार्यक्रम।
देनहार कोहू और है …
सच्चिदानंद जोशी नवरात्रि की शुभकामनाओं के बीच एक किस्सा कुछ अलग सा। हम जानते हैं कि नवरात्रि के पहले अमावस्या