मिथिलेश कुमार राय सवेरे जब मैं काम पर निकल रहा था, माँ बोली कि मिठाई लेते आना। कल शुक्रवार है।
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समाज को खुला ‘चैलेंज’ अंडर माय बुर्का…
स्वाती बीते दिनों ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ देखी। जब देखने जा रही थी यह फिल्म और जब लौट रही थी
मदर्स डे- महिलाओं की रचनात्मकता का उत्सव
जूली जयश्री बदलाव और वुमनिया के संयुक्त प्रयास से गाजियाबाद के वैशाली में महिलाओं के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन
बहिनी, गंगाजी के किनारे कईसन लगेला?
पुष्पांजलि शर्मा शहरों में सियासत के स्वर भले ही इस दंभ में चूर हों कि हमारा गांव बदल रहा है,
महिला उत्पीड़न के ख़िलाफ़ फाइटिंग सेंटर बने ‘शीरोज़’
रश्मि गुप्ता रूपाली की कैब आने में देरी हो रही थी और मैं भी अपनी कार का इन्तजार कर रही
मैले-पुराने कपड़ों के सहारे बिहार के 83 फीसदी महिलाओं की माहवारी
पुष्यमित्र मधुबनी जिले की एक महिला पेट दर्द से काफी परेशान थी. स्थानीय डॉक्टरों से दिखाया तो बताया गया कि
‘पिंक’ के मुरीद अब ‘ऐसी-वैसी लड़की’ का तमगा बांटते हैं!
शालू अग्रवाल पता नहीं हम कब सुधरेंगे। मुझे उस वक्त का इंतज़ार है जब कथनी ही करनी होगी, इनके बीच
गांव की फिल्म मेकर ने जीता अवॉर्ड
रुपेश गुप्ता करीब डेढ़ साल पहले की बात है। छत्तीसगढ़ की मैनपाट और मांझी जनजाति अचानक सुर्खियों में आ गई।
महिला शक्ति को हर दिन सलाम करता एक शहर
सत्येंद्र कुमार यादव उत्तर प्रदेश में एक जिला ऐसा है जहां महिला शक्ति का राज है।राजधानी लखनऊ से महज 65
एसिड से भी खाक नहीं कविता का सौंदर्य!
प्रतिभा ज्योति लोग अक्सर सोशल साइटस पर अपने आकर्षक और खूबसूरत तस्वीरें पोस्ट किया करते हैं। पोस्ट के बाद