ब्रह्मानंद ठाकुर जहां तर्क और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को सिरे से नकारते हुए अंधविश्वास, कूपमंडूकता और अतार्किक मानसिकता को बढावा देकर
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विनोद दुआजी, तुस्सी ग्रेट हो!
नदीम एस अख़्तर कहते हैं जो पेड़ से फल से जितना लदा होता है, वो उतना ही झुका होता है.
सोशल इंजीनियरिंग की सियासी ‘माया’
पीयूष बबेले पिछले अंक में आपने पढ़ा कि किस तरह कांशीराम के संघर्षों से बीएसपी दलित वर्ग में अपनी पैठ