अंजना पुरी एक रिश्ते के अड़तीस बरस बीत गए और आज पहली बार यह समझ में आ रहा है कि
Tag: थिएटर
बंसी कौल को कहाँ ढूंढे रे बंदे?
सच्चिदानंद जोशीसब कुछ वैसा ही था जैसा होता है किसी नाटक के अंत में। सारे कलाकार अपने काम खत्म कर
अंजना पुरी एक रिश्ते के अड़तीस बरस बीत गए और आज पहली बार यह समझ में आ रहा है कि
सच्चिदानंद जोशीसब कुछ वैसा ही था जैसा होता है किसी नाटक के अंत में। सारे कलाकार अपने काम खत्म कर