रज़िया अंसारी गांव के लहलहाते हरे भरे खेत, खेतों में सरसों के पीले-पीले फूल, कुएं पर पानी भरती गांव की
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रोपिया तो हो गईल लेकिन अब पानी नइखे
सत्येंद्र कुमार यादव माता-पिता के पास मैं रोजाना फोन करता हूं। लेकिन जिस दिन साप्ताहिक छुट्टी रहती है उस दिन
किसानों को मिले मुआवजों की ख़ैरात से निजात
सत्येंद्र कुमार यादव पिछले हफ्ते बारिश और ओले पड़ने की वजह से कई इलाकों में गेंहूं की फसल बर्बाद हो
धान ‘छूट’ हे सरकार… धान ‘छूट’ हे !
पुष्यमित्र फरवरी महीना खत्म होने वाला है । राजधानी पटना में पक्ष-विपक्ष के बीच धान खरीद को लेकर रोज तू-तू, मैं-मैं जारी
नए साल पर एक ट्रिप जलपुरुष के गांव की
संजय तिवारी 8 जनवरी की सुबह मैं अपने दोस्त के साथ अलवर से तकरीबन 1 घंटे की दूरी तय कर
‘अल-नीनो’ के बाद ‘ला नीना’, किसानों के शत्रु ‘भाई-बहन’?
सत्येंद्र कुमार यादव भाई ने बिन पानी सब सून किया। अब बहन पानी में सब कुछ डूबो सकती है। इस