विनोद कापड़ी पीहू के माता-पिता रोहित विश्वकर्मा और प्रेरणा शर्मा की सहमति मिलने के बाद मैंने तय किया कि अब
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मिस टनकपुर से बेबी पीहू तक, एक जिद की जीत
विनोद कापड़ी कहानी और पीहू दोनों मिल चुकी थी। प्रोड्यूसर मिलना बाक़ी था। एक और बेहद मुश्किल काम। मुंबई में
पद्मावत- जाति के ठेकेदारों ने बवाल क्यों काटा?
अनुशक्ति सिंह मैं पैदाइश से राजपूत हूँ. मेरे नाम के पीछे लगा ‘सिंह’ सरनेम मेरे पिता की थाती है जो
पद्मावत का नाम ‘खिलजावत’ क्यों न रखा ?
विकास मिश्र ‘पद्मावत’ देखकर लौटा हूं वो भी 3डी में। तीन घंटे लंबी इस फिल्म का नाम तो असल में
कल का लम्पट सामंत कहीं आज का सम्मानित वीसी तो नहीं?
संदीप सिंह फ़िल्म का पहला दृश्य उत्तर भारत के सामंती गाँवों के धूल-धुसरित रास्तों पर स्मृति की दूधिया स्याही से
देश के लिए देख लीजिए ‘अनारकली ऑफ आरा’
पशुपति शर्मा आज जब सब कुछ देश के लिए ही हो रहा है तो फिर अनारकली एक कप चाय देश
अपनी बात क्या खूब कहती है- अनारकली ऑफ आरावाली
सजल कुमार अनारकली ऑफ आरा! मैं सुन रहा हूँ, कई लोगों को कहते हुए कि आरा एक मनगढ़ंत जगह का
फड़फड़ा रही है अविनाश की ‘अनारकली आरावाली’
राकेश कायस्थ सिनेमा हम सबके भीतर होता है। ज्यादातर लोग मन की आंखों से देखते हैं। लेकिन कुछ जिगर वाले