ब्रह्मानन्द ठाकुर ई भदवारी में बइठारी होने के कारण घोंचू भाई गाय-गोरू की सेवा के बाद जे समय बचता है,
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बदलाव के रास्ते ‘उम्मीद की पाठशाला’ का सफर
शिरीष खरे उम्मीद की पाठशाला एक किताब भर नहीं बल्कि एक दस्तावेज है, जिसमें गोवा, महाराष्ट्र, मध्य-प्रदेश और छत्तीसगढ़ के
शिक्षा का बाजारीकरण एक डरपोक, अवसरवादी और भ्रष्ट समाज पैदा करता है!
पुष्य मित्र JNU छात्रों के आन्दोलन के बीच कुछ लोग IIT-IIM का जिक्र लेकर आ गये हैं कि वहां की
विएना ओपेरा हाउस की वो शाम
सच्चिदानंद जोशी के फेसबुक वॉल से साभार हमारे रंगकर्म के गुरु प्रभात दा गांगुली जब मूड में होते थे तो
काम पूरा लेंगे, लेकिन दाम अधूरा देंगे…वाह रे हमारी लोकतांत्रिक सरकार !
सुधांशु कुमार वर्षों की सुनवाई, उसके दौरान शिक्षकों के प्रति जजों की पूरी सहानुभूति, शिक्षकों के खून-पसीने की कमाई के
संवैधानिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा की ओर बढ़ते कदम
शिरीष खरे/ हर कक्षा में ‘मूल्यवर्धन’ की गतिविधियों को संचालित करने के लिए दो प्रकार की गतिविधि पुस्तिकाएं होती हैं।
शिक्षकों पर चादरपोशी की रस्म अदायगी कब तक?
डा. सुधांशु कुमार आज सवेरे-सवेरे श्रीमती जी ने एक प्रश्न प्रक्षेपित कर दिया -‘सुना है शिक्षक दिवस के दिन आप
शिक्षा पर बाज़ार के कब्जे की स्वायत्तता
डॉक्टर गंगा सहाय मीणा देश के तमाम अच्छे डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, कुलपति, एकेडमिशियन, आलोचक, प्रशासनिक अधिकारी, वैज्ञानिक इसी देश के सरकारी उच्च
‘सुशासन बाबू का फ़ैसला गांधीद्रोह से कम नहीं’
ब्रह्मानंद ठाकुर बिहार सरकार के एक फैसले को लेकर पिछले दिनों अखबारों में ‘बुनियादी विद्यालयों को खत्म करने पर तुली
बच्चे के रिपोर्ट कार्ड से पहले अपना रिपोर्ट कार्ड बनाएं!
जूली जयश्री सावधान ! उपर वाला आपका वीडियो बना रहा है। आज कल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से