चौपाल मेरा गांव, मेरा देश मालदा से पूर्णिया तक ‘आग’ पर कोई न सेंके अपनी ‘रोटी’ 09/01/2016 कहां छिप गए वे सेक्युलर, मानवतावादी… ! पद्मपति शर्मा (फेसबुक वॉल पर) मालदा के बाद पूर्णिया ! यह हो क्या और पढ़ें >