जूली जयश्री हाई स्कूल में हमारे एक टीचर थे , पाठक जी पढाते तो अंग्रेजी थे लेकिन अंग्रेजी से ज्यादा
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मां जैसा कोई डांटता नहीं
रुपेश कुमार मां जैसा कोई डांटता नहीं मां जैसा कोई मनाता भी नहीं ! सबसे छुपा कर जतन से बचा
मेरी मां ने शिकायत करना ही नहीं सीखा
सर्बानी शर्मा मेरी मां। मां नहीं भाभी। वो हमारी मां नहीं बन पाईं कभी। हम उसे बचपन से ही भाभी
… क्योंकि वह मेरी मां है!
माँ माँ यानि सिर्फ एक शब्द नहीं होता एक संस्कृति होती है एक संस्कार होता है एक परंपरा और एक