ब्रह्मानंद ठाकुर हमारे देश का अन्नदाता बदहाल है, लेकिन सरकारें खुशहाल । कोई किसानों की कर्जमाफी का वादा करता है
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‘देशभक्ति’ की बहस के बीच कौन सुनेगा फरकिया की गुहार?
पुष्यमित्र जरा इस तसवीर को देखिये, आधा दर्जन से अधिक लोगों की बाहों में स्लाइन की बोतलें लगी हुई हैं।
भुईली के ‘रायबहादुरों’ ने दिल्ली में लिया बड़ा संकल्प
संजीव कुमार सिंह सिर मुड़ाते ही ओले पड़ने की कहावत खूब सुनी है, लेकिन इस बार अपने अरमानों पर ओले
फूस की झोपड़ी में छिपा कोसी का दर्द
पुष्यमित्र कोसी के तट पर बसे लोगों का दर्द वही समझ सकता है जो या तो वहां रहता हो या
कितने पत्रकारों की हत्या के बाद जागेगी सरकार?
पुष्यमित्र घुमक्कड़ पत्रकारिता की अपनी नौकरी की वजह से अक्सर ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकार साथियों से मिलना-जुलना होता रहता है।
बोहनी को भी तरस रहे सोनपुर मेला के दुकानदार
पुष्यमित्र कभी एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला होने की ख्याति हासिल कर चुका सोनपुर मेला इस साल केंद्र सरकार
किसानों का दर्द तो समझो ‘सरकार’
ब्रह्मानंद ठाकुर इन दिनों पूरा हिंदुस्तान लाइन में खड़ा नज़र आ रहा है । शहर से लेकर गांव तक एक
कहां खो गया बापू का प्यारा गांव बेनीपुर ?
ब्रह्मानंद ठाकुर मैं बात कर रहा हूँ कलाम के जादूगर रामवृक्ष बेनीपुरी के गाँव बेनीपुर की । बागमती नदी से
सहरसा के आरण गांव में नाचे मन ‘मोर’
पुष्य मित्र आपके घर के बाहर अगर मोर नज़र आ जाए तो बरबस ही मन नाच उठेगा और बचपन की
30 साल बाद… अपने कॉलेज में ‘ताका-झांकी’
अजीत अंजुम की फेसबुक वॉल से अतीत बहुत पीछे छूट जाता है । असंख्य चेहरे होते हैं, गड्डमड्ड से ।