मोनिका अग्रवाल जब हम किसी से पूछे कि वर्तमान में हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता का काल कैसा है ? शायद
Tag: पत्रकारिता
कोलकाता में 24 जून को विनय तरुण स्मृति व्याख्यान
विनय तरुण स्मृति व्याख्यान – 2018 का आयोजन कोलकाता में 24 जून 2018 रविवार को होगा। इस बार का विषय है
बदलाव के अतिथि संपादक की मीडिया से अपेक्षाएं और उनके संकल्प
डाॅ. संजय पंकज मीडिया की महती भूमिका से आज सम्पूर्ण विश्व सुपरिचित है। दिनानुदिन नई-नई तकनीकों और सुविधाओं से लैस
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश से बातें आज सुबह 11 बजे
बदलाव टीम वरिष्ठ पत्रकारों से मुलाकात और अनौपचारिक बातचीत का सिलसिला शुरू आज से कर रही है। हमें खुशी
सरकार को एहसास नहीं-भूख क्या होती है?
शिरीष खरे शिरीष खरे की बतौर पत्रकार यात्रा की ये चौथी किस्त है। मेलघाट में उन्होंने महसूस किया कि भूख
मेलघाट में भूख से मरते बच्चे और 90 के दशक का सन्नाटा
शिरीष खरे शिरीष खरे की बतौर पत्रकार यात्रा की ये तीसरी किस्त है। मेलघाट से लौटते हुए ट्रेन में उनकी
पत्रकार के लिए हत्या की धमकी ही सबसे बड़ी चुनौती नहीं होती
शिरीष खरे ट्रेन की सामान्य गति से मुंबई की ओर लौटते हुए मेलघाट में जो घटा उसके बारे में सोच
पत्रकारिता की हड़बड़ी और मेरा दृष्टिदोष
शिरीष खरे कुछ बनने की जल्दी में हुआ दृष्टि-दोष, फिर एक दिन अचानक एक घटना से कि जाना निकट की चीजें दूर या दूर
विनोद दुआजी, तुस्सी ग्रेट हो!
नदीम एस अख़्तर कहते हैं जो पेड़ से फल से जितना लदा होता है, वो उतना ही झुका होता है.
पत्रकारिता को न्यूज़ चैनलों और अख़बारों में मत तलाशिए
पुष्यमित्र हिंदी पत्रकारिता में आज भी एक स्वतंत्र पत्रकार का सर्वाइवल मुश्किल है। विभिन्न अखबारों में फीचर और आलेख लिखने वाले