नीलू अखिलेश कुमार तुम थे, तुम हो ,तुम ही रहोगे । अच्छा किया तुमनेजो बीमारी की तरहपटे आ रहे अपने
Tag: नीलू की कविता
क्यों कर रही हो इतना चीं-चीं ?
नीलू अखिलेश कुमार क्यों कर रही हो इतना चीं-चींकिमेरे सारे काम रुक गए हैं ।देखोशाम ढली। तुम्हारे जैसेकितने ही पक्षीलौट