गांव के नायक कमाल है तेरा कुआं, सलाम है कस्तूरी 18/06/2016 आशीष सागर दीक्षित कस्तूरी कुंडलि बसे, मृग ढुंढे वन माहि। ऐसे घट-घट राम हैं, दुनिया देखे नाहि। वैसे तो ये और पढ़ें >