‘यहां तक आते-आते सूख जाती हैं नदियां, मुझे मालूम है पानी कहां ठहरा होगा । वैसे तो कवि दुष्यंत ने
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रोजगार के लिए ऐसे मिलेगी ‘मुद्रा’
सत्येंद्र कुमार यादव गांव से लेकर शहर तक उन लोगों को जानता हूं जो छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए
एमु पालन-बड़े फायदे का सौदा है लखटकिया कारोबार
कन्हैया लाल सिंह जमशेदपुर से कोई छह किलोमीटर की दूरी पर एनएच 33 किनारे स्थित गांव बागुनहातु में रिटायर्ड प्रोफेसर
वो पूछेंगे ज़रूर-बता तेरा हुनर क्या है?
-सत्येंद्र कुमार की रिपोर्ट देश में हर साल एक करोड़ से ज्यादा नौजवान रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन