“भारतीय किसान कर्ज में ही जन्म लेता है और उसी स्थिति में मर जाता है” ‘दुख की यात्रा’ एक संकल्पनात्मक
Tag: किसानों की समस्या
इस तरह रहेगी मानवता, कब तक मनुष्य से डरी हुई ?
कीर्ति दीक्षित काश हे मजदूर! तुम भी असहिष्णु हो जाते, हे किसान! तुम भी असहिष्णु हो जाते। आकुल अन्तर की
धान ‘छूट’ हे सरकार… धान ‘छूट’ हे !
पुष्यमित्र फरवरी महीना खत्म होने वाला है । राजधानी पटना में पक्ष-विपक्ष के बीच धान खरीद को लेकर रोज तू-तू, मैं-मैं जारी