अंजना पुरी एक रिश्ते के अड़तीस बरस बीत गए और आज पहली बार यह समझ में आ रहा है कि
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अहिंसा धर्म अत्यंत कठिन है- गांधी
पुष्यमित्र के फेसबुक वॉल से साभार आज गांधी जी की पुण्यतिथि है। यह हम सब जानते हैं कि गांधी की
गांधी तो अब मर रहे हैं आहिस्ता-आहिस्ता
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार आज बापू की शहादत का दिन है। किसी सिरफिरे ने उन्हें गोली मार
नेक, ईमानदार, मददगार और सहज इंसान बनने की प्रेरणा थे सुमित मिश्रा
अजीत अंजुम के फेसबुक वॉल से क्या सुमित , तुम ऐसे हम सबको छोड़कर चले गए ? तुम्हारा बेजान जिस्म
वो जानते थे स्नेह के रिश्ते निभाना
पशुपति शर्मा ताऊजी नहीं रहे। वासुदेव ताऊजी, मेरे पिता की करीबी मंडली के उन चेहरों में शुमार थे, जो हर
राजकिशोर का न होना
संजीव कुमार सिंह जनसत्ता की कैच लाइन रही है सबकी खबर दे, सबकी खबर ले। टीवी में काफी समय गुजारने
“मां को कैसे संभालूंगा बाबूजी…”
वरिष्ट पत्रकार अजित अंजुम के पिता राम सागर प्रसाद सिंह का निधन 20 मार्च की सुबह हो गया। पैतृक शहर
पूरे शंख और पुष्प की आभा से कवि केदारनाथ को प्रणाम
यतीन्द्र मिश्र एक शानदार कविता ने जैसे अपना शिखर पा लिया हो। कथ्य की आभा से छिटककर तारे की द्युति सी
बुजुर्गों का अकेलापन और हमारी जिम्मेदारी
पशुपति शर्मा घर के दरवाजे पर हाथ में अखबार लिए बड़ी तल्लीनता से खबरों से बावस्ता मेरे फूफाजी। तस्वीर बुआ
वो ‘लम्हे’, ‘चांदनी’ यादें और ‘सदमा’
विकास मिश्रा 13 साल उम्र रही होगी, तब गांव में रेडियो ही मनोरंजन का पूर्ण साधन था। रेडियो सिलोन पर