पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार फ़रीदाबाद के सूरजकुंड की ये शाम मेरे लिए बेहद ख़ास है. इस शाम
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गांव का भविष्य संवारने निकल पड़े ‘बाल वीर’
टीम बदलाव बच्चों को देश का भविष्य निर्माता कहा जाता है । मसलन बिना बच्चों के किसी भी सक्षम राष्ट्र
कठुआ से उन्नाव तक नाबालिग पीड़ितों को कैसे मिले इंसाफ़
टीम बदलाव नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने बाल यौन हिंसा की लगातार बढ़ रही घटनाओं को राष्ट्रीय आपातकाल
जॉर्डन में जुटे दुनिया के ‘बाल-दूत’
टीम बदलाव छोटू, मुन्नू, बबलू ये कुछ ऐसे नाम हैं जो हम गांव और शहरों में चाय की दुकान या
बाल मजदूरी की यातना और सपनों के इंजीनियर
अनिल पांडेय कभी बाल मजदूर रहे सुनील और शिवम के जज्बे को सलाम। दोनों मेरे बहुत प्रिय हैं। दोनों से