प्रेमचंद की जयंती (31 जुलाई) पर कवि नवीन सी चतुर्वेदी की ये कविता। क़लम के जादूगर! अच्छा है, आज आप नहीं
Tag: कविता
क्योंकि मैं किसान हूँ….
नेताजी पूछे तुम कौन हो…? मैंने बोला, इन्सान हूँ…. क्या तेरे पास गाड़ी है…? हाँ मेरे पास बैलगाड़ी है …
कोमल मन का पहाड़ सा हौसला
पहाड़ पर खेतों से खर पतवार निकाल जमीन में बीज रोपती हैं पहाड़ी औरतें | वे बैल हैं और हल