बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरपुर
भारतीय सभ्यता और संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है।इसने बाहर से आए सभी धर्मो को अपने अंदर समाहित किया है।गांधी ने इन बातों की चर्चा गुजराती में लिखी अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “हिंद स्वराज”में वर्ष 1908 में की।ये बातें रामद्यालु सिंह महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर के सभागार में आयोजित जानकी शरण सिन्हा एकादश स्मृति व्याख्यान सह सम्मान समारोह में मुख्य वक्ता लंगट सिंह महाविधालय के राजनीति विज्ञान के पूर्व अध्यक्ष डा अवधेश कुमार सिंह ने कही। गांधी नैतिकता के पक्षधर थे।शारीरिक श्रम को उन्होंने जीवन का आधार माना। पश्चिमी सभ्यता के खतरे से वह सभी भारतीयों को जागरूक कर रहे थे।ग्राम पंचायतों के माध्यम से सरकार चले,उसके वे हिमायती थे।
विषय प्रवेश कराते हुए शिक्षाविद डा विकास नारायण उपाध्याय ने गांधी विमर्श को जन जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में वरिष्ठ सर्वोदई श्री लक्षण देव प्रसाद सिंह ने कहा गांधी सदा समाज के पथप्रदर्शक बने रहेंगे।गांधी के विचारों को कभी समाप्त नहीं किया जा सकता।गांधी का अहिंसक मार्ग ही पूरी दुनिया को रास्ता दिखाने जा रहा है।
उक्त अवसर पर आम गोला निवासी जेपी सेनानी और लोकनायक जयप्रकाश के अनुयाई श्री रमण कुमार को “जानकी शरण सिन्हा शिखर सम्मान”से विभूषित किया गया।
यह कार्यक्रम जिले के पारू थाना के धरफरी ग्राम निवासी स्व जानकी शरण सिन्हा की स्मृति में प्रत्येक वर्ष साई एजुकेशनल फाउंडेशन और डेमोक्रेटिक एलायंस ऑफ टीचर्स मुजफ्फरपुर के संयुक्त तत्वावधान में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आगत अतिथियों ने धरफरी निवासी पूर्व प्रशासनिक पदाधिकारी स्व जानकी शरण सिन्हा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रारम्भ में डेमोक्रेटिक एलायंस ऑफ टीचर्स के संस्थापक अध्यक्ष पूर्व सीनेटर प्रो अरुण कुमार सिंह ने आगत अतिथियों का स्वागत किया तथा स्व सिन्हा के जीवन पर प्रकाश डाला।धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ अमिता शर्मा ने किया।
कार्यक्रम में अन्य लोगो के अलावा वरिष्ठ अधिकारी श्री सुरेन्द्र प्रसाद सिंह , डा हरेंद्र कुमार,गांधीवादी श्री सुरेन्द्र कुमार, डा वंदना विजय लक्ष्मी, डा राजीव कुमार, डा राकेश कुमार सिंह, डा केके झा,डा पायली, डा मीनू,श्री पंकज भूषण,पत्रकार श्री विभेश त्रिवेदी,मधुमंगल ठाकुर, डा हरि किशोर प्रसाद सिंह,भाजपा नेता डा अशोक शर्मा,श्री रवीन्द्र प्रसाद सिंह,श्री मुकेश ठाकुर,श्री अरविंद बरुण,अनिल अरुण, डा कृष्ण मोहन,प्रभात कुमार, विनय कुमार प्रशांत,मुकुंद झा, डा प्रियदर्शिनी,किडजी की वंदना कुमारी,श्री भोला प्रसाद सिंह,प्रभाकर प्रधान साहितभारी संख्या में लोग उपस्थित थे।