विनोद कापड़ी
संभव हो तो इस पोस्ट को ज़्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाएँ ताकि ये लूट रोकी जा सके। पिछले दिनों पंजाब जाने का मौक़ा मिला। एक डॉक्यूमेंट्री के सिलसिले में। हमारी टैक्सी जब हरियाणा पार करके पंजाब बॉर्डर पहुँचने वाली थी तो ड्राइवर ने बताया कि आगे चलकर Transport department का टैक्स देना होगा। साथ में उसने ये भी बताया कि टैक्स तो 420 रूपए है, जिसकी आपको रसीद मिलेगी। लेकिन वहाँ बैठा कर्मचारी आपसे 50 रूपए अलग से लेगा, जिसकी आप को कोई रसीद नहीं मिलेगी। मुझे बड़ी हैरानी हुई। तो साथ बैठे कैमरामैन Indish Batra ने बताया कि अरे ये बड़ी कॉमन सी बात है हर राज्य के बॉर्डर में, वो हर गाड़ी से पचास रूपए लेगा ही लेगा।
“पर क्यों लेगा ?” ये मेरा सवाल था।
“शायद अपनी मिठाई के लिए या अपने अफसरोँ को मिठाई खिलाने के लिए।”
मैं सोच में पड़ गया। हर गाड़ी से पचास रूपए कैश। दिल्ली – पंजाब-कश्मीर हाइवे है तो कुछ भी नहीं तो पूरे दिन में कम से कम दस हज़ार गाड़ियाँ तो गुज़रती होंगी। एक गाड़ी से पचास रूपए के हिसाब से दस हज़ार गाड़ियों के पाँच लाख। एक दिन के पाँच लाख और महीने के डेढ़ करोड़। क्या अब ये पंजाब परिवहन विभाग का कर्मचारी हमसे भी 50 रूपए लेगा ? क्या वाक़ई ऐसा हर गाड़ी के साथ होता है ? तो 30 July को सुबह ठीक 9 बजकर 15 मिनट पर हमारी गाड़ी झरमरी (मोहाली ) के टैक्स नाके पर रूकी। 500 रूपए देकर मैने ड्राइवर के साथ अपने सहयोगी Manav M Yadav को भेजा। कार में बैठे हम इंतज़ार कर रहे थे। मेरी उत्सुकता ये थी कि क्या ये लोग वाक़ई अलग से पैसे लेते हैं ? क्या हम से भी पैसे लिए जाएँगे ?
कुछ देर बाद मानव लौटा। मानव ने बताया कि सर उसने बिना कुछ बात किए, बिना कुछ कहे पाँच सौ में से 470 रूपए काटकर 30 रूपए मुझे लौटा दिए। यानी 420 टैक्स के और पचास रूपए अलग से। लूट की बात सच निकली । मानव ने बताया कि मैंने उससे बहुत कहा कि हमारे पचास रूपए क्यों काट लिए तो वो बोला कि तू कोई गवर्नर लगा है जो तेरा पैसा नहीं कटेगा ? इस खुलेआम गुंडागर्दी पर मुझे हैरानी भी हुई और ग़ुस्सा भी आया। स्वाभिमान ने भी ललकारा कि बात पचास रूपए की नहीं है। बात सही और ग़लत की है। हम क्यों एक रूपया भी ग़लत दें ? इसके बाद मानव, मैं और ड्राइवर हम तीनो चले टैक्स नाके पर। खिड़की से झाँककर मैंने देखा कि एक 25/26 साल का सिख युवक बैठा था। उसके साथ एक और कोई था। मैंनें उससे सीधे कहा कि भाई या तो आप हमारे पचास रूपए वापस कीजिए या फिर हमें पचास रूपए की रसीद दीजिए।
वो भी सीधे बोला कोई रसीद नहीं है। हम भी ज़िद पर अड़ गए कि पचास रूपए तो आपको लौटाने होंगे या रसीद देनी होगी। वो और चालाक निकला, बोला कि मैंने तो पैसे लिए ही नहीं। मैने सिर्फ 420 रूपए लिए और रसीद दे दी। हमें समझ आ गया कि ये नहीं मानेगा। हमनें अपना मोबाइल कैमरा ऑन कर दिया और उसे बता दिया कि अब तुम्हारी रिकॉर्डिंग हो रही है, जल्दी से हमारे पचास रूपए लौटाओ। शुरू में तो वो कहता ही रहा कि जो वीडियो बनाना है, बना लो, मैंने पैसे लिए ही नहीं। लेकिन फिर पता नहीं क्या हुआ। वो शायद घबरा गया। उसने अचानक काउंटर से अपना हाथ बाहर की तरफ़ निकाला और हमारे हाथ का मोबाइल झपट लिया। 15-20 सेकेंड छीना झपटी चलती रही। और आख़िरकार मोबाइल हमारे पास ही आ गया।
हमनें उससे कहा कि ये काम जो तुमने किया है, वो भी सब रिकॉर्ड हो गया है। अब तो तय हो गया है कि तुमने हमसे पचास रूपए लिए थे। अब ये वीडियों हम पुलिस को देते हैं। बस हमने इतना ही कहा था कि हमने देखा कि काउंटर की उसी छोटी से खिड़की से बहुत ही बदतमीज़ी के साथ पचास रूपए का नोट हमारी तरफ़ गिरा.. उसने गाली देते हुए कहा “फड़ो अपना नोट। फेर ना आना इदर।” हम उसे तो ये चेतावनी देकर चले आए कि दोबारा किसी से पैसे मत लेना। पर हमें भी पता है कि वो आज भी, अब भी हर commercial Venice से अलग से पचास रूपए ले ही रहा होगा। नाजायज़ पैसा लेना उतना हैरान नहीं करता है, जितना इस पैसे को पाने के लिए खुलेआम गुंडागर्दी जो हो रही है, वो तो चौंका देने वाली थी। मतलब पचास रूपए के लिए वो छीना झपटी और तकरीबन मारपीट पर उतर आया था। मेरे ख़्याल से वहाँ CCTV होना चाहिए। 30 July सुबह 9 बजकर 40 मिनट 15 सेकेंड के CCTV में सबकुछ होना चाहिए।
दूसरी अहम बात ये कि पचास रूपए एक दिन में पाँच लाख रूपए बन रहें हैं और पाँच लाख एक महीने में 1.5 करोड़। तो बात सिर्फ पचास रूपए की नहीं है दोस्तों। खेल बहुत बड़ा और गहरा है। इस पोस्ट के साथ रसीद की तस्वीरें भी लगा रहा हूँ। दो रसीद हैं। एक 400 रूपए की और एक 20 रूपए की। Issuing officer लिखा है Mohali DTO और नीचे लिखा है – This payment is being made by VIPIN KUMAR , registered at MOHALI DTO .
हम सब अपनी आय पर टैक्स तो दे ही रहे हैं। उसके बाद सफ़र पर जाते हैं तो अब टोल टैक्स भी देने लगे हैं जबकि हमसे कहा यही कहा गया था कि आपके टैक्स से सड़के, बिजली, पानी, सुरक्षा होगी। टोल टैक्स के बाद यदि आप किसी टैक्सी से सफ़र कर रहे हैं तो आपको उस राज्य को टैक्स उसकी सीमा पर देना होगा। और इस टैक्स के ऊपर भी अलग से गुंडागर्दी के साथ पचास रूपए का टैक्स।
आप सोचिए, किस देश में, किन हालात में जी रहे हैं हम !!! हर कोई आता है। देश बदलने का दावा करता है। और नतीजा ???
नतीजा : “50 रूपए नहीं दिए तो तेरी …….” एक ग़लती हमसे हो गई। उससे बातचीत के दौरान माहौल कुछ तनाव वाला हो गया था कि मोबाइल कैमरा पूरे वक़्त चलता रहा। लेकिन रिकॉर्ड बटन ही नहीं दबा पाए इसलिए घटना का वीडियो हमारे पास नहीं है।
विनोद कापड़ी/ मीडिया जगत की जानी मानी हस्ती, स्टार न्यूज़ (एबीपी), इंडिया टीवी जैसे बड़े चैनलों में संपादकीय जिम्मेदारी संभाली, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फिल्मकार, इन दिनों बॉलीवुड में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं, शक्तिमान पर भी डॉक्युमेंट्री बना चुके हैं ।