जटामासी जैसे मेरे बालों के गुच्छे
पोटली में सहेज रखा है
गांव के ब्रह्म बाबा को अर्पित करने के बादकागज पर पहली बार
सरकंडे से लिखा था जो ‘मां’
उसे नष्ट नहीं होने दिया है उसनेवह पुराना पोस्टकार्ड भी है उसके पास
जिसमें पहली बार लिखा था मैंने
‘तुम्हारा नालायक बेटा’मां मेरी हर एक चीज संभाल कर रख लेती है
वह शब्द भी
जो मैं फोन पर सबसे बाद में बोलता हूं
‘अपना ख्याल रखना…’