पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार
प्रिय चंद्रशेखर
तुमने दुनिया को
उससे कहीं ज्यादा दिया
जितना उससे लिया
जिससे प्यार किया
सीधे दिल से किया
पूरे मन से किया
जिसे सम्मान दिया
झोली भर के दिया
उसकी औकात से ज्यादा दिया
इस प्यार और सम्मान के
हकदार नहीं थे हम
जो ना तुम्हे तब समझे थे
ना अब कभी समझ सकेंगे!
दुनिया इतनी निष्ठुर भी है
सोचा ना था
अब भी क्या
सोचेंगे हम सभी
तुम्हारे यूँ जाने के गुनाह में
अपना हिस्सा कितना है!
नहीं मेरे साथी
हम निभाएंगे
दो मिनट के
मौन की परंपरा
क्योंकि बोलेंगे तो
डर है कि
बहुत कुछ बोल जाएंगे!
इसी मौन में
आत्मग्लानि के पलों में
ये दुनिया ये संकल्प भी ले
तो बड़ी बात होगी
अब कोई ‘चंदा’
यूँ आसमान को
छीनने नहीं देंगे
लड़ेंगे जमीन के
‘सूरज और सितारों’ से
जितनी अपनी ताकत होगी!
– पशुपति शर्मा, 27 जून 2020