यूपी में चुनावी सरगर्मियां चरम पर है। पूर्वांचल में वोटिंग 8 मार्च को होनी है लेकिन सियासी पारा पूरे सबाब पर है, इसबीच हर राजनीतिक दल अपनी सीट पक्की करनी की जुगत में जुटा है । ऐसे में समाजवादी पार्टी भी देवरिया से लेकर जौनपुर तक कई सीटों पर उम्मीदवार बदल दिये हैं, हालांकि कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के विरोध की वजह से पार्टी को ये कदम उठाना पड़ा तो कुछ जगहों पर पार्टी के कुछ नेताओं की राय पर टिकट बदलने की ख़बर है । हालांकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है । जौनपुर विधानसभा की केराकत सीट पर समाजवादी पार्टी ने मौजूदा विधायक गुलाब सरोज का टिकट काटकर संजय सरोज को दे दिया है । संजय सरोज समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद तूफानी सरोज के करीबी माने जाते हैं और 2012 के विधानसभा चुनाव में संजय का टिकट काटकर ही गुलाब सरोज को उम्मीदवार बनाया गया था ।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तूफानी सरोज इस बात से खासे नाराज चल रहे थे और पांच साल बाद जब एक बार फिर उन्हें मौका मिला तो उन्होंने चुनाव से एक महीने पहले गुलाब का टिकट कटवार अपने चहेते संजय को दिला दिया ।जौनपुर की केराकत विधानसभा सीट पर 2012 में समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा, ये पहला मौका था जब समाजवादी पार्टी केराकत विधानसभा सीट जीत पाई । इसे अखिलेश लहर कहें या फिर उम्मीदवार का जीतीय समीकरण पांच साल पहले केराकत पर समाजवादी पार्टी का कब्जा हुआ हालांकि अब जब 2017 में चुनाव हो रहा है तो समाजवादी पार्टी ने उसी उम्मीदवार का टिकट काट दिया है जिसने पहली बार इस सीट पर समाजवादी पार्टी को जीत दिलाई ।
जबकि तूफानी सरोज कई बार सांसद चुने गए लेकिन अपने क्षेत्र में कभी वो जननेता की भूमिका में नहीं आ पाये । इसकी वजह भी है, स्थानीय लोग खासकर समाजवादी पार्टी के परंपरागत वोटर तूफानी सरोज के रवैया और व्यवहार से नाराज रहते हैं । स्थानीय लोग बताते हैं कि तूफानी सरोज 2014 लोकसभा चुनाव से पहले जगह-जगह ये कहते फिर रहे थे कि यादव उन्हें वोट नहीं देते हैं वे तो समाजवादी पार्टी को वोट देते हैं । तूफानी सरोज के इस बयानबाजी से लोग इतने नाराज रहे कि पिछले लोकसभा चुनाव में तूफानी सरोज जो उस वक्त सांसद थे तीसरे नंबर पर आ गये । समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि तूफानी सरोज के इशारे पर ही गुलाब का टिकट काटा गया है ।
दो दिन पहले केराकत विधानसभा में गुलाब सरोज का टिकट करने की ख़बर जैसे ही मिली बदलाव की टीम ने क्षेत्र के तमाम लोगों से बात की तो तमाम ऐसे लोग मिले जो टिकट बदलने से नाराज नजर आ रहे हैं कुछ लोग तो बगावत के मूड में भी दिखे लेकिन गुलाब सरोज ने अपने समर्थकों से धैर्य बनाने के लिए कहा और खुद अखिलेश तक अपनी बात पहुंचाने के लिए लखनऊ चले गए । हालांकि दो दिन बाद भी उनकी मुलाकात पार्टी अध्यक्ष अखिलेश से नहीं हो सकी है । लेकिन जिस तरह से केराकत विधानसभा पर समाजवादी पार्टी अंतरकलह चल रहा है उससे स्थानीय युवाओं को डर सताने लगा है कि केराकत की ‘तूफानी कलह’ में कहीं मुरझा न जाये SP का ‘गुलाब’।
अरुण प्रकाश। उत्तरप्रदेश के जौनपुर के निवासी। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र। इन दिनों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सक्रिय।
कभी कभी ऐसा भी हो जाता है जब लोग किसी खास राजनेता के मुरीद हो जायते हैंःउसी के नेत।त्व मे सरकार बनने का संपना संजोने लगते है।बीते दिनो यूपी के राजनीतिक घटना चक्र ने अखिलेश यादव को बतौर हीरो प्रोजेक्ट कर दियाःआज नजर केवल अखिलेश यादव पर है। ऐसे में मेरा खुद का आकलन है कि सब कुछ ठीट ही रहेगा ।