बदलाव बाल क्लब की कहानी कार्यशाला की जो छोटी सी शुरुआत गाजियाबाद में की गई थी वो कब देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंच गई पता ही नहीं चला। दादा-दादी, नाना-नानी की कहानियां बच्चों को पसंद तो आ ही रही है साथ ही बदलाव की इस पहल को लोग सराह भी रहे हैं । आलम ये है कि लोग खुद अलग-अलग गांवों में बदलाव बाल क्लब की शुरूआत करने लगे हैं । 10 दिन से देशभर में बाल क्लब की जो कार्यशालाएं चल रही हैं उसमें एक और नाम जुड़ गया है । उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में बदलाव बाल क्लब की नई यूनिट एक्टिवेट हो चुकी है । जौनपुर के जलालपुर ब्लॉक में पड़ने वाले गांव रेहारी में गुरुवार को बाल क्लब की कहानी कार्यशाला की शुरुआत हुई । कार्यशाला के पहले दिन बच्चों की उत्सुकता देखते ही बन रही थी । पेशे से शिक्षक सुनील कुमार यादव की अगुवाई में शुरू हुई इस कार्यशाला में बच्चों के साथ बुजुर्गों की उत्सुकता देखते ही बन रही थी ।
सुनील के पिता रामजीत यादव को जब बदलाव बाल क्लब की मुहिम के बारे में पता चला तो वो खुद को रोक नहीं पाये और बच्चों की कार्यशाला का पूरा अरेंजमेंट खुद करने लगे । कार्यशाला में आकर्षण का केंद्र रही सुनील की दादी कल्ली देवी । बच्चे 90 साल की अवस्था पार कर चुकी कल्ली देवी यानी अपनी परदादी से राजा-रानी की एक मनोरंजक कहानी सुनी । रेहारी गांव में शुरू हुई कार्यशाला की खास बात ये रही कि एक छत के नीचे चार पीढ़ी एक साथ बैठकर कहानी और किस्सागोई के आनंद से सराबोर नजर आई । अमूमन शहर की तरह गांवों में भी अब बच्चे मोबाइल और एकाकी खेल के आदी होते जा रहे हैं। ऐसे में एक साथ दादा-दादी, नाती-पोते को कहानी सुनाती परदादी का ये दृष्य दिल को छूने जैसा था । गांव के पूर्व प्रधान स्वर्गीय अयोध्या यादव के बेटे रामजीद यादव ने टीम बदलाव की इस मुहिम की सराहना की और कहा कि ऐसे प्रयास से ही समाज में बदलाव आता है और हमारी नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी का सही तालमेल बैठाने में भी मदद मिलती है । कार्यशाला को शुरू करने में विजय कुमार ने सुनील का पूरा सहयोग किया और 18 जूत तक कार्यशाला के आयोजन का जिम्मा भी लिया ।
उधर बिहार के मुजफ्फ़रपुर में कार्यशाल का पांचवां दिन काफी उत्सुकता भरा रहा । मुजफ्फरपुर के युवा रंगकर्मी सुनील कुमार को पाकर बच्चे काफी खुश नज़र आए । हंसी-ठिठोली के साथ शुरू हुई कार्यशाला में सुनील बच्चों के रंग में रंगे नजर आए । सुनील कहानी सुनाते गए, बच्चें पूरी तल्लीनता के साथ सुनते गए । सुनील जी ने बच्चों को चांद गायब, गज ग्राह, बुद्ध कथा, प्रणाम की कहानी, सनकी राजा, लालच का फल जैसी छोटी-छोटी लेकिन प्रेरणादायी कहानियां सुनाईं । कहानी के बाद बच्चों के कविता पाठ का सिलसिला शुरू हुआ । रितुराज ने विष्णु प्रभाकर की कहानी दक्षिणा, विजय ने तोता और चींटी की कहानी, अंकिता ने हमीदुल्ला खां की ‘मुझे इंसान बना दो कहानी का पाठ किया। कार्यशाला में सबसे छोटा बच्चा उत्सव भी पीछे नही रहा, उसने मछली जल की रानी है कविता सुनाई। साथ ही कार्यशाला के संयोजक ब्रह्मानंद ठाकुर ने कवित्री प्रीता प्रिया की स्वरचित कविताएं भी बच्चों को सुनाई ।
इसके अलावा बच्चों को देश के 29 राज्यों के नाम याद रखने वाले एक वाक्य से परिचय कराया गया जिसका प्रत्येक अक्षर एक एक राज्य के नाम के पहले अक्षर से जुड़ा है। बच्चे यह जान कर काफी खुश हुए। यानी मित्र अतरा मुझसे कहता है मै अपने छ:बागो में आम की उपज उगाऊं । इस वाक्य में आपको हर राज्य का नाम मिल जाएगा ।
उधर यूपी के देवरिया में गुरुवार को कार्यशाला का दूसरा दिन देखते ही बन रहा था । पहले दिन बच्चों की जो संख्या 25 थी दूसरे दिन वो दोगुनी हो गई । यानी करीब 50 बच्चे कार्यशाला में शिरकत करने पहुंच गए । अनिल यादव की अगुवाई में देवरिया के पिंडी गांव में चल रही ये कार्यशाला जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है । दूसरे दिन की कार्यशाला में बच्चों की उत्सकुता तस्वीरों में साफ देखी जा सकती है । अनिल यादव ने कहानी पाठ के साथ ही बच्चों में अभिनय कला को भी निखारने की शुरूआत की । छोटी-छोटी कहानियों पर अनिल ने बच्चों से मंचन कराया साथ ही बच्चों की रुचि को देखते हुए उनसे डांस भी करवाये । अनिल यादव चूकी सोनी टीवी के चर्चित सीरियल CID में बतौर असिस्टेंट प्रोडक्शन मैनेजर भी काम कर चुके हैं और गाये-बगाहे अभिनय भी करते रहते हैं लिहाजा उन्होंने अपने इस हुनर को बच्चों में पिरोने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं । टीम बदलाव अनिल यादव के इस योगदान को सलाम करती है ।
It’s a very good step of bonding between children’s and experienced elders of our family members.
They tell them the stories and songs by which children’s get knowledge and enjoy a lot
Bahut sunder pryass