‘बदलाव’ ने ढाई आखर फाउंडेशन और दस्तक के साथ मिलकर होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन रखा है। पिछले दो साल से बदलाव की टीम ग्रामीण मुद्दों को समझने की कोशिश कर रही है। इसमें बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत देश के कई सूबों के साथी जुड़े हैं। ये जुड़ाव रचनात्मकता का है। जो इस टीम की ताकत है। मीडिया के तमाम साथियों ने इसे अपने अनुभवों और सुझावों से इसे समृद्ध किया है। आभासी दुनिया की मुलाकातों के बाद हम आप अब एक दूसरे से रूबरू हो रहे हैं, होली मिलन के बहाने।
ढाई आखर फाउंडेशन के साथियों ने भी सहजता से इस आयोजन के सहभागी बनने की स्वीकृति दी। ये फाउंडेशन गरीबों और वंचितों के लिए कार्य करता रहा है। नेक इरादों के साथ छोटी कोशिशों का भी अपना एक असर होता है। कुछ इसी विचार के साथ ‘ढाई आखर‘ फाउंडेशन ने ‘हंड्रेड पर्सेंट काइंडनेस‘ की एक छोटी सी पहल भी की है। कोर मेंबर्स ने तय किया कि मजबूरों की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा किया जाए। सीमित संसाधनों में जो भी मुमकिन हो सके, ग़रीबों और मजबूरों तक मदद पहुंचाई जाए। इसके अलावा औरंगाबाद के गांव बारपा में ये फाउंडेशन एक स्कूल भी चलाता है और ग्रामीण क्रिकेट का बड़ा टूर्नामेंट भी पिछले कई सालों से इस संस्था की ओर से किया जा रहा है। संदीप शर्मा, रमा सिक्का और उनकी टीम के कई साथी निरंतर ढाई आखर फाउंडेशन को लेकर सोचते-विचारते रहते हैं।
इस छोटे से आयोजन की तीसरी सहभागी संस्था दस्तक है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के छात्रों की ये संस्था सांस्कृतिक हस्तक्षेप की ख्वाहिशमंद रही है। पिछले करीब दो दशकों से ये संस्था अनौपचारिक ताने-बाने में काम करती रही है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कैंपस से शुरू हुई ये संस्था इसके सदस्यों के साथ ही कई शहरों तक पहुंच गई है। संस्था का मानना है कि हर सदस्य ही अपने आप में एक संस्था है। कुछ साथियों ने इसी परंपरा के तहत बीच-बीच में नाट्य प्रस्तुतियां की हैं। दस्तक की ओर से एक सालाना आयोजन साथी पत्रकार विनय तरुण की स्मृति में भी आयोजित किया जाता है। बिहार के पूर्णिया जिले से शुरू हुआ ये सिलसिला पिछले 7-8 सालों से बदस्तूर जारी है। इस साल ये आयोजन जमशेदपुर में हो रहा है।
बहरहाल, आप सभी आज के आयोजन में आ रहे हैं और इस पहल का हिस्सा बन रहे हैं। इसकी हमें खुशी है।
12 मार्च, रविवार
1. अनौपचारिक मिलन और चाय- दोपहर 1 बजे
2. आर्ट एग्जीबिशन का उद्धाटन/स्वागत सत्र- 1.30 बजे
3. दोपहर का भोजन- 2 बजे
4. गीत-संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम- 2.30 बजे
5. स्नैक्स, चाय- 4.30 बजे
बदलाव बाल क्लब के सदस्यों की ओर से एक आर्ट एग्जीबिशन का भी आयोजन किया जा रहा है। बच्चों की ओर से एक छोटा सा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रखा गया है।