कुमकुम सिंह के फेसबुक वॉल से
आज सुबह 10 बजे से 3-4 बैंकों के चक्कर काट कर आई हूं। इतनी भीड़ कि शायद ही 2-3 घंटे में नंबर आता। इतना समय नहीं होता कि लम्बी-लम्बी लाइनों में अपना वक्त खराब किया जाए लेकिन मजबूरी भी है। 500-1000 के नोट पर्स में होते हुए भी गरीबी जैसे हालात हो गए हैं। घर वापस आई तो सब्जी वाले के ठेले पर नये आलू देखकर खरीदने का मन हुआ और फिर मन को मारकर रह गयी। सुबह दूध वाले ने भी कह दिया था खुले पैसे दें। दूध की पेमेंट कार्ड से नहीं होगी। किस-किस से उधारी करें? पर्स में बस कुछ चिल्लर पड़े थे। यह बताया जा रहा था कि आज से एटीएम खुल रहे हैं लेकिन हमारे घर के आसपास के सारे एटीएम के शटर बंद थे। आम जनता तो परेशान हो रही है. लोग ऑफिस से छुट्टी लेकर लाइनों में खड़े हैं। शाम को फिर कोशिश करूंगी शायद कुछ भीड़ कम हो।
वैसे मेरा यह मानना है कि जिसने जहाँ पैसा लगाना था पहले ही सेट कर लिया होगा, बेशक आम जनता या विरोधी दलों को इसकी जानकारी ना हो। खैर…..आगे-आगे देखिये होता है क्या?
मधुकांत श्रोत्रिय के फेसबुक वॉल से
It seems banks are not well equipped to deal the present situation. In Vasundhara, Ghaziabad, PNB, Indian Bank and others government banks ATM were closed till 9 am today. in Axis and Indus bank ATM, cash was not deposited in even if 48 hours margin. Only ICICI bank ATM in vasundhara was functional but with long serpentine que.
पीयुष बवेले के फेसबुक वॉल से
बैंकों पर आज लगी लंबी कतार में-
क्या आपने किसी मंत्री को देखा
क्या आपने किसी नेता को देखा
क्या आपने किसी उद्योगपति को देखा
क्या आपने किसी बड़े अफसर को देखा
क्या आपने किसी जनरल को देखा
तो क्या सारा काला धन उस आम आदमी के पास है जो सुबह से शाम तक धक्के खाता रहा