आशीष सागर दीक्षित (फेसबुक वॉल से) ” तुम बतलाते रहे अपने काम के नजराने इस कदर अखिलेश, कि एक हम
Category: सुन हो सरकार
क़ातिलों देख लो जिंदा हैं कॉमरेड नागेन्द्र!
18 फरवरी 1994 को मेजर नागेन्द्र प्रसाद की आतताईयों ने हत्या कर दी थी। तब मैं आईपीएफ बोकारो जिला का
विकास की आपाधापी में दम तोड़ती नैतिकता
ब्रह्मानंद ठाकुर आज हमारा गांव विकास के इस आपाधापी में अतीत के तमाम उच्च नैतिक मानदंडों को बड़ी तेजी से
लोकल चेहरों से क्यों डरती है मोदी-शाह की जोड़ी?
पुष्यमित्र पंजाब, यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनावी मौसम। कहीं अखिलेश-राहुल जलवा बिखेर रहे हैं तो कहीं केजरीवाल-भगवंत मान की
मुद्रा स्कीम में लोन हासिल करना ही बड़ी चुनौती-पीड़ित
‘यहां तक आते-आते सूख जाती हैं नदियां, मुझे मालूम है पानी कहां ठहरा होगा । वैसे तो कवि दुष्यंत ने
यूपी को ‘बेस’ पसंद है !
कुमार सर्वेश यूपी चुनाव में सत्ता के लिए बिसात बिछ चुकी है। हर कोई अपने-अपने मोहरे मैदान में उतार चुका
सरकार ! उनकी तुरबत पर नहीं है एक भी दीया…
ब्रह्मानंद ठाकुर सारा देश 68वां गणतंत्र बड़े उत्साह से मना रहा है । 26 जनवरी 1950 को आजाद भारत का
‘सरकारी मंडी’ में दम तोड़ता कुटीर उद्योग
नीरज सारांस देश में लोक कलाओं की लंबी परंपरा रही है। लोक कलाएं जीवन का आधार रही हैं, क्योंकि इसके
नहीं मिल रही मुद्रा, कैसे बढ़ेगा कारोबार ?
सत्येंद्र कुमार यादव नमस्कार, मैं अपना डी जे साउन्ड का काम शुरु करना चाहता हूँ । इसमें कुल खर्च लगभग
भीड़ हो तब भी डरो, भीड़ न हो तब भी डरो
भारती द्विवेदी बेंगलुरु की दोनों घटनाएं किसी भी संवेदनशील इंसान को हिला कर रख देती है। अब दिल्ली की घटना