शिरीष खरे गुजरात चुनाव के नतीजों के बाद आंकड़ों के आईने से अलग-अलग विश्लेषक अपनी-अपनी तरह से तस्वीरें दिखा रहे
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पटाखे धीरे चलाओ, स्क्रीन हिली तो सीटें कम हो जाएंगी!
धीरेंद्र पुंडीर ये जीत का जश्न फीका है, ये हार का स्वाद मीठा है। ये गुजरात की उलटबांसी है। सिर्फ
मीडिया से गांव गायब बताना आंचलिक पत्रकारिता की अनदेखी है
शिरीष खरे क्या मीडिया से गांव गायब हो गए हैं? जवाब है- हां। यदि कोई एक जगह से एक जगह
गुजरात में गांधी के मायने समझने की एक कोशिश
धीरेंद्र पुंडीर गुजरात में दांडी यात्रा के बाद दिल्ली के रास्ते में आते वक्त सोच रहा था कि दांडी यात्रा
बदलाव पाठशाला : नौनिहालों में जगाती शिक्षा की अलख
टीम बदलाव गांव और निचले तबके का विकास राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्राथमिकताओं में हमेशा सबसे ऊपर रहा। लिहाजा बापू
सौर ऊर्जा से खेतों में सिंचाई कीजिए, और फसलों की छंटाई भी
सौर ऊर्जा आज हमारे देश में वैकल्पिक ऊर्जा का प्रमुख साधन बन चुकी है । अमूमन लोग सौर ऊर्जा का
अपने शहर में अजनबी गांधी
धीरेंद्र पुंडीर गांधी जी की यात्रा एक मानव के महामानव बनने की यात्रा है। आप उनसे सहमत या असहमत हो सकते
हिंदुस्तान में किसानों की ‘नवंबर क्रांति’
ब्रह्मानंद ठाकुर आजादी से 70 साल बाद हिंदुस्तान का अन्नदाता बदहाल है, देश का पेट भरने वाला किसान खुदकुशी को
करणी सेना ने कर दी करोड़ों की ‘लीला’
‘ पद्मावती फिल्म में अलाउद्दीन एक धूर्त्त, अहंकारी, कपटी, दुश्चरित्र और रक्तपिपासु इंसान की तरह चित्रित है। वह अपने चाचा
बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए बड़ा गिफ्ट… फिलिपींस से खुशहाली की ख़बर
तीन हफ्ते लंबी बाढ़ को भी मात दे रही है धान की यह नयी वेराइटी. बिहार के सीतामढ़ी जिले के