रमेश रंजन सिंह आज मेरे सिर से पिताजी का साया हमेशा के लिए उठ गया। कोरोना ने पापा को हमसे
Category: सुन हो सरकार
क्षमा के लिए ‘विषधर भुजंग’ नहीं ‘विषमुक्त संकल्प’ चाहिए
दयाशंकर मिश्र मन में क्षमा कभी गहरे नहीं उतरती, क्योंकि हम छोटे-बड़े में उलझे हैं। मन कमजोर, शक्तिशाली के चयन
आपना मन पहिचान के… चलो जोगीरा बदलन गांव
दयाशंकर मिश्र छोटे-छोटे प्रश्नों पर हम इतने अधिक चिंतित होते जा रहे हैं कि जीवन में चिंता की कड़वाहट दोगुनी
मनुष्य सज़ा से नहीं प्रेम से बदलते हैं…. और हमारी दुनिया भी!
हमारे प्रेम से रिश्ते इतने जर्जर हो गए हैं कि थोड़ा-सा धक्का लगते ही टूट जाते हैं. बदलने के लिए
शहादत दिवस पर आजादी के नायकों को नमन
ब्रह्मानंद ठाकुर क्रांति का मतलब है अन्याय और शोषण पर टिकी शासन व्यवस्था की जगह किसान-मजदूरों का राज स्थापित करना।23
शहर-शहर किसान आंदोलन की तेज होती ‘धार’
ब्रह्मानंद ठाकुर किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए बार-बार प्रयास किया लेकिन हर मोर्चे पर षड्यंत्रकारी विफल रहे। आज
बागमती तटबंध पर ‘सुशासन’ का ‘विश्वासघात’ और जनता का आक्रोश
ब्रह्मानन्द ठाकुरबिहार विधानसभा में जल संसाधन मंत्री द्वारा बागमती नदी पर तटबंध निर्माण फिर से शुरू कराए जाने की घोपणा
दावे, हकीकत और सुभाष चंद्र बोस
रत्ना वर्मा18 अगस्त वो तारीख है, जिसे लेकर ना जाने कितने ही सवाल पिछले सात दशकों में उठे हैं. ये
सिंघु बॉर्डर पर अन्नदाता का हौसला और इरादा पक्का है…
वीरेन नंदा किसानों का हाल जानने के लिए मैं बिहार से दिल्ली तो आ गया, लेकिन दिल्ली की गलियों से
रुकतापुर- विकास की आंकाक्षा का ‘चलतापुर’
नीलू अग्रवाल रुकतापुर एक रिपोर्टर की ऐसी डायरी है जो कोशी- सीमांचल में घूमते हुए देखे -अनदेखे, सुने – अनसुने,वहां