शंभु कुशाग्र नववर्ष 2018 की पूर्व संध्या पर पुराने साल को विदाई देने और नए साल के स्वागत में पूर्णिया
Category: परब-त्योहार
बहू अंजलि ग्रेजुएट हो गई!
मिथिलेश कुमार राय सवेरे जब मैं काम पर निकल रहा था, माँ बोली कि मिठाई लेते आना। कल शुक्रवार है।
गए साल को चरण स्पर्श
नीलू अग्रवाल विदा, विदा, विदा…अलविदा। अब मिलेंगे नहीं कभी नहीं हमें है पता। हँसते हुए, फिर भी देते हैं विदा।
देहरादून में साहित्य का समारोह और कुछ यादें
सुमन केशरी इस साल देहरादून लिट फ़ेस्ट में भाग लेने का सुयोग हुआ। शुक्रिया गीता गैरोला…शुक्रिया समय साक्ष्य! देहरादून लिट
मेघदूत में ‘राम की शक्तिपूजा’
संगम पांडेय कथक नृत्यांगना प्रतिभा सिंह निर्देशित प्रस्तुति ‘राम की शक्तिपूजा’ में सबसे ज्यादा जो चीज दिखती है वो है
नवबंर क्रांति से रूस की ‘आधी आबादी’ को मिला हक
ब्रह्मानंद ठाकुर रूस की नवंबर क्रांति को लेकर पिछले अंक में हमने आपको रूस में समाजिक बदलाव के बारे में
मजदूरों की क्रांति से बदला रूस का इतिहास
ब्रह्मानंद ठाकुर नवंबर क्रांति के पहले अंक में आप ने पढ़ा कि कैसे फरवरी 1917 से लेकर नवंबर 1917 के
सामा खेले गेलिअइ भइया के अंगना हे!
ब्रह्मानंद ठाकुर सामा चकेवा बिहार का एक प्रमुख लोक पर्व है जो कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष में चतुर्थी तिथि
इंसान का प्रकृति प्रेम और छठ पर्व की परंपरा
ब्रह्मानंद ठाकुर छठ पर्व जितना आस्था और विश्वास का पर्व है उतना है वैज्ञानिक भी । छठ का प्रकृति से
छठी मइया अईली पहुनवा हो रामा …
मां, सबसे पहले तो माफ़ी देना कि अबकी बरस मैं छठ में नहीं आ रही हूं। मैं जानती हूं इतना