अनिल तिवारी करीब 1962 के दौरान पिता जी का तबादला ग्वालियर हो गया और मेरा दाखिला उस समय के सर्वश्रेष्ठ
Category: मेरा गांव, मेरा देश
बजट में गांव और गरीबों के लिए क्या है खास ?
प्रियंका यादव 8 करोड़ गरीब महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन मिलेगा 4 करोड़ गरीब परिवारों को
बजट में किसानों के लिए क्या हुआ ऐलान ?
प्रियंका यादव 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य फसल की उत्पादन लागत का उचित मूल्य देने के
रंगकर्मी की संवेदना और गृहस्थी में कैद मां
अनिल तिवारी वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल तिवारी जी ने अपनी रंग यात्रा को फेसबुक पर एक सीरीज में साझा किया है।
संतूर वादन से झंकृत हो गए पूर्णिया के तार
डॉ शंभु लाल वर्मा ‘कुशाग्र’ पूर्णिया के विद्या विहार इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नलॉजी में स्पीक मैके की ओर से संतूर वादन
कहां हैं हिंसा की जड़ें सरकार ?
राकेश कायस्थ सांप्रादायिक हिंसा की किसी घटना के बाद होनेवाली प्रतिक्रियाओं पर ठीक से गौर कीजिये, आपको समझ में आ
पद्मावत- जाति के ठेकेदारों ने बवाल क्यों काटा?
अनुशक्ति सिंह मैं पैदाइश से राजपूत हूँ. मेरे नाम के पीछे लगा ‘सिंह’ सरनेम मेरे पिता की थाती है जो
पद्मावत का नाम ‘खिलजावत’ क्यों न रखा ?
विकास मिश्र ‘पद्मावत’ देखकर लौटा हूं वो भी 3डी में। तीन घंटे लंबी इस फिल्म का नाम तो असल में
किसान को सक्षम बनाए बिना मेक इन इंडिया अधूरा है
ब्रह्मानंद ठाकुर किसानों की बात सुनिए वित्त मंत्रीजी के पहले भाग में हमने दिल्ली में आयोजित संसद में किसानों को
मनमोहन-मोदी का फर्क, जवाब में नहीं मीडिया के सवाल में ढूंढिए
राकेश कायस्थ यह समय भारतीय समाज के स्मृति लोप का है। याद्दाश्त गजनी की तरह आती-जाती रहती है। जो लोग