शिरीष खरे उम्मीद की पाठशाला एक किताब भर नहीं बल्कि एक दस्तावेज है, जिसमें गोवा, महाराष्ट्र, मध्य-प्रदेश और छत्तीसगढ़ के
Category: मेरा गांव, मेरा देश
बाजारवाद के बीच जिंदा है ‘उम्मीद की पाठशाला’
बदलाव प्रतिनिधि इसी देश में जहाँ मध्यवर्ग के बच्चे एसी कमरे में ठाठ से पढ़ाई ही नहीं करते बल्कि उन्हें
जिंदा रहेगा जेएनयू
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार तुम जिसेकुचलनेमसलनेऔर मिटा देने परआमादा हो…वो याद आएगाहमेशावो जिंदा रहेगाहमेशा जब कभीजुल्मो-सितम सेतुम
JNU को समझो और फिर जी चाहे तो लाठी बरसा लेना यारों!
रविकांत जेएनयू एक बार फिर से सुर्खियों में है। जेएनयू में न सिर्फ तीन सौ प्रतिशत फीस वृद्धि की गयी
सरकार कारोबारी बन रही है, JNU की जंग के मायने समझें
पुष्यमित्र अभी जिस ट्रेन से देहरादून से लौट रहा था, वह ट्रेन हावड़ा तक जाती है। जाहिर सी बात है,
शिक्षा का बाजारीकरण एक डरपोक, अवसरवादी और भ्रष्ट समाज पैदा करता है!
पुष्य मित्र JNU छात्रों के आन्दोलन के बीच कुछ लोग IIT-IIM का जिक्र लेकर आ गये हैं कि वहां की
20 साल में कॉलेज बदला …लेकिन सुरेंद्र सर वैसै ही हैं
अरुण यादव कंक्रीट के जंगल में रहते हुए 13 बरस 9 महीने हो चुके हैं। दिल्ली में कदम रखने के
मीडिया की पराली वाली धुंध में ‘सोलंकी वाली सांसें’
पशुपति शर्मा की फेसबुक वॉल से साभार सौम्यता, सरलता और सहजता… यूं तो ये व्यक्ति के बड़े गुण हैं लेकिन
ईश्वर का पथगमन
निखिले कुमार दुबे के फेसबुक वॉल से साभार दीवाली के बाद ईश्वर का पथगमनघर से निकाले गए फुटपाथ मे बैठे
मुजफ्फरपुर में 13 नवंबर को चमकी पर रिपोर्ट
बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरनगर 2019 में चमकी बुखार की मौतों ने हम सब को किस कदर परेशान किया था, यह आप