मृदुला शुक्ला बचपन में दशहरे पर नए कपड़े मिलने का दुर्लभ अवसर आता था । हम सारे भाई बहन नए
Category: गांव के रंग
अब नवरात्र में जादू-टोना वाला डर नहीं
ब्रह्मानंद ठाकुर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का हमारा गाँव पिअर विगत 60 सालों में काफी कुछ बदल गया है ।
सहरसा के आरण गांव में नाचे मन ‘मोर’
पुष्य मित्र आपके घर के बाहर अगर मोर नज़र आ जाए तो बरबस ही मन नाच उठेगा और बचपन की
स्वच्छता के लिए 30 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला
अविनाश उज्ज्वल नीयत साफ हो और इरादा मजबूत तो हर काम आसान लगने लगता है । कुछ ऐसे ही हौसले
फटफटिया से बहनों तक पहुंचाई राखी
आशीष सागर दीक्षित बीते दिनों कान्हा नेशनल टाइगर में प्रवास के दौरान ग्राम खटिया में यह श्यामलाल साधुराम बिसेन मिले।
देखो, नौटंकी कहीं तमाशा न बन जाए
पशुपति शर्मा दिल्ली के एनएसडी प्रांगण का अभिमंच सभागार शनिवार, 6 अगस्त की शाम हमारी लोक परंपराओं में से एक
शादियों में लीजिए गालियों का भी मजा
भारती द्विवेदी क्या आपने कभी गाली को एन्जॉय किया है? सुनकर अजीब लगा ना ! ऐसा सच में होता है
बेलदारीचक में फ्री वाई-फाई, कोना-कोना कौन कौना ?
पुष्यमित्र जैसे ही हमने तसवीर ली विनोद कुमार दौड़े-दौड़े आये। उनकी सहज जिज्ञासा थी कि उनके दुकान की तस्वीर क्यों ली
विनोद कापड़ी ने जंगल में ढूंढी लुप्तप्राय इंसानी प्रजाति
विनोद कापड़ी किसी ने सच ही कहा है कि ये दुनिया कुछ सनकी, जुनूनी और पागल लोगों के भरोसे ही
सीमांचल में ‘वर्चुअल दुनिया’ से रियल फाइट
पुष्यमित्र सोशल मीडिया ने आज पूरी दुनिया को एक सूत्र में बांध दिया है, किसी को पुराने दोस्त की तलाश