राकेश कायस्थ चुनावी रणभेरी बजी, सेनाएं सजी और नारायण प्रकट हो गये। प्रकट ही नहीं हुए बल्कि ‘राष्ट्रवाद’ के रथ
Category: राज्य
कितने पत्रकारों की हत्या के बाद जागेगी सरकार?
पुष्यमित्र घुमक्कड़ पत्रकारिता की अपनी नौकरी की वजह से अक्सर ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकार साथियों से मिलना-जुलना होता रहता है।
मुलायम-अखिलेश की मुलाकात का ‘घोषणा पत्र’
टीम बदलाव मंगलवार का दिन समाजवादी परिवार में दंगल में मंगल लेकर आया क्योंकि कई दिन बात मुलायम और अखिलेश
गांवों में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का संसार
बरुण के सखाजी सीमित संसाधन, प्रचुर व्यावसायिकता के अभाव के बावजूद व्यापक दर्शक वर्ग से बात करता छत्तीसगढ़ी फिल्मों का
एक महान साहित्यकार की दम तोड़ती विरासत !
ब्रह्मानंद ठाकुर मुज़फ्फरपुर जिले के औराई प्रखण्ड में आने वाले जनाढ पंचायत का एक गांव है बेनीपुर जो समाजसेवी, पत्रकार
पटना में प्रकाशोत्सव की रौनक
पुष्यमित्र पटना साहिब दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है । हर तरफ प्रकाशोत्सव की तैयारियां चल रही हैं ।
8 घंटे की नौकरी और पगार महज 42 रुपये
ब्रह्मानंद ठाकुर मुंशी प्रेमचंद की कहानी सद्गति का किरदार घासीराम हो या फिर रामवृक्ष बेनीपुरी के ‘कहीं धूप कहीं छाया’
मधेपुरा में सोशल मीडिया पर बड़ी बहस
रूपेश कुमार सोशल मीडिया जनक्रांति का सशक्त माध्यम है। जिस गति से समाज बदल रहा है उसमें सोशल मीडिया की भूमिका
देश में कब महफूज होंगी बेटियां ?
कीर्ति दीक्षित निर्भया के माता पिता चार साल बाद भी बेटी को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के चक्कर
किन्नरों के मन की पाती बांचती मां और ‘नाला सोपारा’
इति माधवी ‘नाला सोपारा’ एक ऐसा उपन्यास जो एक ऐसे समुदाय पर आधारित है जिसके बारे में हर कोई बात