न्यू इंडिया का ‘हसीन सपना’ और दम तोड़ते अन्नदाता की हकीकत

ये सुनने में काफी अच्छा लगता है कि हिंदुस्तान अब न्यू इंडिया बन रहा है । कम से कम मौजूदा

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‘भोजपुरी दर्शकों की सोच को समझने की ज़रूरत’

धनंजय कुमार भोजपुरी फ़िल्मों के दर्शक पूरे बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में तो हैं ही, मुम्बई से लेकर

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बदलाव पाठशाला : नौनिहालों में जगाती शिक्षा की अलख

टीम बदलाव गांव और निचले तबके का विकास राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्राथमिकताओं में हमेशा सबसे ऊपर रहा। लिहाजा बापू

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बिहार के गर्व रामशरण शर्मा को कभी तो याद कर लें

पुष्यमित्र यह कैसी विडंबना है कि हम साहित्यकारों को तो याद रखते हैं, इतिहासकारों को भूल जाते हैं। उन इतिहासकारों

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हाईब्रिड से पैदावार बढ़ी, लेकिन जमीन की उर्वरता पर असर

ब्रह्मानन्द ठाकुर 21वीं सदी का हिंदुस्तान तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन देश का किसान इस रेस में पिछड़ता

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समय ‘वाचाल’ है और कवि ‘मौन’!

पशुपति शर्मा ‘समय वाचाल है’ इसी शीर्षक से आजतक में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार साथी देवांशुजी का काव्य संग्रह हाथ में

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‘तालाबंदी’ से संकट में एशिया के सबसे बड़े पशु मेले का वजूद

पुष्यमित्र एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला यानी सोनपुर मेला आज बंद है। दिलचस्प है कि मेले के सभी दुकानदारों

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पूंजीपति रहेंगे मस्त तो किसान रहेंगे पस्त

ब्रह्मानंद ठाकुर तमिलनाडु के किसानों का आंदोलन और मध्य प्रदेश के मंदसौर में अपनी मांगों को लेकर आंदोलनकारी किसानों पर

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