एम अखलाक कारोबारी मीडिया का राष्ट्रवाद पनछुछुर है। इसका राष्ट्रवाद आर्थिक गलियारों से होकर गुजरता है। इस राष्ट्रवाद में मुगालते
Category: परब-त्योहार
बच्चों में रचनात्मकता का बीज डालना ज़रूरी- रवींद्र त्रिपाठी
बदलाव प्रतिनिधि बदलाव बाल क्लब की कहानी कार्यशाला जिस उत्साह के साथ शुरू हुई थी उसका समापन उतना ही मनमोहक
मुजफ़्फ़रपुर के पियर गांव में भी किस्सों की कार्यशाला
सर्बानी शर्मा ‘आओ पढ़ें, सुनें और सुनाएं किस्से’, बदलाव बाल क्लब की वर्कशॉप अब एक मुहिम का हिस्सा बनती जा
थियेटर म्यूज़िक- अंजना पुरी की साधना और प्रयोग के सुर
संगीत नाटक अकादमी के अवॉर्ड्स की घोषणा हुई। अलग-अलग कैटगरी में कई नाम सामने आए। इनमें एक नाम अंजना पुरी
मां की ‘ख़ामोशी’ की भाषा समझते हैं हम
सर्बानी शर्मा मेरी मां। मां नहीं भाभी। वो हमारी मां नहीं बन पाईं कभी। हम उसे बचपन से ही भाभी
मदर्स डे- महिलाओं की रचनात्मकता का उत्सव
जूली जयश्री बदलाव और वुमनिया के संयुक्त प्रयास से गाजियाबाद के वैशाली में महिलाओं के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन
इंटरनेट की दुनिया- ‘कुंदन’ घिसता गया, चमक बढ़ती गई
कुंदन शशिराज एक ऐसे युवा के तौर पर अपने साथियों के बीच जाने जाते हैं, जो अपने जुनून के लिए
एक ऑटो ड्राइवर की ईमानदारी को सलाम
पशुपति शर्मा अगर आपका बैग किसी ऑटो में छूट जाए और आपकी जेब में आगे के किराये के लिए पैसा
आओ गांधी-गांधी खेलें !
ब्रह्मानंद ठाकुर देश महात्मा गांधी के चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष मना रहा है तो जाहिर है कि मुजफ्फरपुर इस आयोजन
कल का लम्पट सामंत कहीं आज का सम्मानित वीसी तो नहीं?
संदीप सिंह फ़िल्म का पहला दृश्य उत्तर भारत के सामंती गाँवों के धूल-धुसरित रास्तों पर स्मृति की दूधिया स्याही से