नरेंद्र अनिकेत इन दिनों कई तरह के सपने तैर रहे हैं। ये सपने नहीं हैं, एक यूटोपिया है। शहर ऐसे
Category: चौपाल
स्वच्छता के लिए 30 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला
अविनाश उज्ज्वल नीयत साफ हो और इरादा मजबूत तो हर काम आसान लगने लगता है । कुछ ऐसे ही हौसले
विकास की आड़ में ‘विनाश’ का मीठा ज़हर घुल रहा है ?
एम अखलाक ”भारत का पूंजीवादी विकास मॉडल शोषण पर आधारित है। इससे समाज का एकतरफा विकास हो रहा है, जबकि
बलिहारी गुरु आपनो, जीवन दियो सिखाय
दीपक कुमार जीवन में गुरु की महत्ता से कोई भी इंकार नहीं कर सकता है। आज के आधुनिक दौर में
कटिहार रेलवे स्टेशन की तारीफ़ में दो शब्द
संतोष कुमार आज पहली बार यहां आने का मौका मिला। इतनी सफाई देखकर ऐसा एहसास हुआ कि शायद बिहार में
सच का सूरज कैद वहां है…
अवधेश कुमार सिंह 28 अगस्त 2016, रविवार को गाजियाबाद के वैशाली के सेक्टर-4 के सेंट्रल पार्क में एक और साहित्यिक
शराबबंदी ने हमको हमारा गांव लौटा दिया
पुष्यमित्र बात अगस्त की एक सुबह की है। दिन के 11 बजे होंगे, मुजफ्फरपुर के मड़वन खुर्द गांव में लोगों
विकास सोने की कटारी है, तो क्या उसे अपने पेट में भोंक लें ?
राकेश मालवीय सत्तर साल में विकास के किसी भी आयाम ने ‘डिलीवर’ नहीं किया है, इसे स्वीकारने में हमें इतनी
गांव की कब्र पर बनेंगे स्मार्ट शहर, पढ़ लो मर्सिया
नरेंद्र अनिकेत संघ के सर्वेसर्वा मोहन भागवत ने इंदौर के तथाकथित आध्यात्मिक नेता (जैसा कि संघ और भाजपा अपने आपको
और रामकृष्ण… वो लौटेगा बार-बार, बस यादों में
रामकृष्ण डोंगरे “और रामकृष्ण”…. यही वो शब्द थे, जिससे सुदीप मुझसे बातचीत की शुरुआत करता था। आखिरी बार जब बात हुई