साथी विनय तरुण के नाम पर एक और आयोजन रायपुर में हो रहा है। एक बार फिर विनय की यादें
Category: गांव के नायक
कमाल है तेरा कुआं, सलाम है कस्तूरी
आशीष सागर दीक्षित कस्तूरी कुंडलि बसे, मृग ढुंढे वन माहि। ऐसे घट-घट राम हैं, दुनिया देखे नाहि। वैसे तो ये
एक यारबाज अफ़सर की वीरगति को सलाम
विकास मिश्रा मुकुल द्विवेदी का यूं जाना खल गया। मेरठ में मैं जब दैनिक जागरण का सिटी इंचार्ज था तब
महीनों का काम घंटों में… कमाल है डीएम साहब!
अरुण यादव अगर आपके जिले के आलाधिकारी आपकी समस्या का निपटारा घर बैठे कर दें, तो कैसा लगेगा ? जरा
तनाव से मुक्ति के लिए एक पत्रकार बन गया योगगुरु
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हर कोई व्यस्त है । किसी के पास वक्त नहीं । खासकर युवाओं के
आओ कि कोई ख्वाब बुनें कल के वास्ते…
चंदन शर्मा जहां टॉयलेट में जंजीर से मग और बैंक में रस्सी से पेन बांध कर रखने की नौबत हो,
बुंदेलखंड के लिए एक उम्मीद है दशरथ का कुआं
आशीष सागर -हमारे देश में सूखा सियासत नहीं करता बल्कि सूखे पर सियासत जरूर होती है । शायद यही वजह
सीमांचल में ‘वर्चुअल दुनिया’ से रियल फाइट
पुष्यमित्र सोशल मीडिया ने आज पूरी दुनिया को एक सूत्र में बांध दिया है, किसी को पुराने दोस्त की तलाश
मैनपुरी का ‘मास्टर्स इन फ्लावर’
अरुण यादव बदलाव की बयार कब और कहां से निकलेगी ये कोई नहीं जानता । क्या आप सोच सकते हैं
‘पुलिस’ को ‘दोस्त’ बनाने का संकल्प… मुबारक हो!
सत्येंद्र कुमार यादव गांवों में आज भी पुलिस कमोबेश ‘दहशत’ और ‘दमन’ की छवि से उबर नहीं पाई है। ख़ास