मित्र करता हूं मैं कई बार तुम्हारी आलोचना वह आलोचना जितनी तुम्हारी होती है उतनी ही मेरी भी ऐसा लगता
Category: आईना
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वीसी का खत और 250 करोड़ रुपए का घपला ?
बदलाव प्रतिनिधि ये सवाल पहले से ही अंदरखाने उठ रहा था । छात्रों ने भी भ्रष्टाचार की बात उठाई थी
समाज को खुला ‘चैलेंज’ अंडर माय बुर्का…
स्वाती बीते दिनों ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ देखी। जब देखने जा रही थी यह फिल्म और जब लौट रही थी
पटना सिटी में बदलाव के युवा साथियों की पहल
बदलाव प्रतिनिधि, पटना पटना सिटी, बिहार में बदलाव के युवा साथियों ने एक छोटी सी पहल की है। तनय तपांशु
जल का फिक्स्ड डिपॉजिट जल्दी मत तोड़िए
निराला फेसबुक, 19 जुलाई। हमारे देश में एक तरह की जलवायु नहीं है। मौसम बदलते रहते हैं। बारिश कहीं ज्यादा तो
मुसाफ़िर! वो छुक-छुक कभी तो लौटेगी
प्रवीण कुमार ट्रेन से सफर एक घर बसाने जैसा है, समाज में जीने जैसा है, और इसकी खिड़कियों से झांकना
भारतीय कला परंपरा की फिक्र और वॉश पेंटिंग की साधना
पशुपति शर्मा आर्ट सर राजेंद्र प्रसाद गुप्ता के साथ मेरी 4 जून 2017 को हुई बातचीत की पहली किस्त 25
मछलियां
मछली का मायका नहीं होता उसे ब्याह कर ससुराल नहीं जाना पड़ता उसका मरद उसे छोड़ कमाने बाहर नहीं जाता
बड़ों की कविताएं-छंद, बच्चों के किस्से चंद
बदलाव प्रतिनिधि, ग़ाज़ियाबाद रविवार, 25 जून ,2017 को वैशाली, गाजियाबाद के सेंट्रल पार्क में “पेड़ों की छांव तले रचना पाठ”
भाग राजेंद्र भाग, नहीं तो कुछ नहीं कर सकेगा
आर्ट सर। ज़िंदगी में कुछ शिक्षक मन पर ऐसा असर डालते हैं कि उनसे एक अलग ही नाता सा बन