रविकिशोर श्रीवास्तव हज़ार जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी…अगस्त 2012 का वो वक्त… जब तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह संसद परिसर
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जॉर्डन में जुटे दुनिया के ‘बाल-दूत’
टीम बदलाव छोटू, मुन्नू, बबलू ये कुछ ऐसे नाम हैं जो हम गांव और शहरों में चाय की दुकान या
विद्रोह समाप्त, अब विद्रोह का माफी-राग!
धीरेंद्र पुंडीर एक के बाद एक माफी का सिलसिला चल निकला। याद है कि इस शख्स ने मुख्यमंत्री पद की
प्रभात गांगुली ने क्यों छोड़ा ग्वालियर, ये किस्सा फिर कभी
अनिल तिवारी बीआईसी के मुख्य नाट्य निर्देशक थे सत्य पाल सोलंकी और श्री के सी वर्मा। सोलंकीजी एक नाट्य संस्था
बनपुरी के डिजिटल स्कूल बनने की कहानी गजब-दिलचस्प है!
शिरीष खरे बारह साल पहले जब यहां यह स्कूल नहीं था तब एक आदमी ने अपनी जमीन दान कर दी।
सांगली की रानमला बस्ती के स्कूल के रंग
शिरीष खरे एक छोटे-से कमरे के एकमात्र दरवाजे पर हर दिन सुबह-सुबह छोटे बच्चे एक सुंदर रंगोली बनाते हैं, जो
सांगली का मादलमुठी शाला- एडुकेशन मॉडल के 8 दशक
शिरीष खरे “देश भर के गांवों में ऐसा स्कूल मिलना मुश्किल है।”– यह दावा है मादलमुठी शाला (सांगली, महाराष्ट्र) के
महाराष्ट्र के सांगली की प्राथमिक शाला की अपनी वेबसाइट
शिरीष खरे किसी एक छोटे गांव की प्राथमिक शाला की अपनी वेबसाइट होना विशेष भले ही न लगे, लेकिन क्या
मेलघाट में भूख से मरते बच्चे और 90 के दशक का सन्नाटा
शिरीष खरे शिरीष खरे की बतौर पत्रकार यात्रा की ये तीसरी किस्त है। मेलघाट से लौटते हुए ट्रेन में उनकी
पत्रकार के लिए हत्या की धमकी ही सबसे बड़ी चुनौती नहीं होती
शिरीष खरे ट्रेन की सामान्य गति से मुंबई की ओर लौटते हुए मेलघाट में जो घटा उसके बारे में सोच