पुष्यमित्र हालांकि इस आलेख का शीर्षक थोड़ा अजीब है। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व लौह पुरुष और पूर्व फायरब्रांड संघी
Category: चौपाल
छत्तीसगढ़: एक हारी हुई बाजी
दिवाकर मुक्तिबोध तीन माह पूर्व विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजित छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी चिंता इस
एक देशवासी का पीएम मोदी को खुला पत्र
आदरणीय मोदीजी, जब आपने अपनी 90 साल की मां को एटीएम की लाइन में खड़ा करवाया था, तभी मैं समझ
वर्चुअल दुनिया की दीवार और गुम होती हमारी खुशियां
दयाशंकर जी के फेसबुक वॉल से साभार हम मनुष्य के सामाजिक प्राणी होने के मूल गुण से पहली बार
‘तड़प’ और ‘सपने’ के साथ ‘मुर्दा’ नहीं है निखिल दुबे
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार वो ख़बरों का ‘शार्प शूटर’ है। लंबा कद, तीखे ‘नैन-नक्श’, आड़ी-तिरछीं काली-सफेद मूंछें
‘किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है’ ?
ब्रह्मानंद ठाकुर पिछले दिनों देश ने गणतंत्र दिवस का जश्न बड़े धूम-धाम से मनाया । देश की हर गली मोहल्ले
23-24 फरवरी को गांव हरदुआ में ‘माटी-पानी’ का न्योता
सईद अयूब के फेसबुक वॉल से साभार माटी पानी’ की ओर से गाँव हरदुआ में पुस्तकालय स्थापना के अवसर पर
राष्ट्रीय परिदृश्य पर हावी संकीर्ण और जनविरोधी सोच
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से साभार किसी की बीमारी पर कटाक्ष नहीं होना चाहिए। किसी को भी बद्दुआ
कुंभ पर एक ‘साहित्यकार’ की जीवंत फोटो प्रदर्शनी
अजामिल जी के फेसबुक वॉल से साभार इलाहाबाद के बहुचर्चित छायाकार एस के यादव ने विश्व के सबसे बड़े अध्यात्मिक
बच्चों की मार्कशीट को जिंदगी पर हावी न होने दें
दयाशंकर मिश्र बच्चों को संपत्ति की तरह न मानने, ‘बच्चे हमसे हैं, हमारे लिए नहीं’ भावना वाली परवरिश के सिद्धांत,